टेक फॉर सेवा 2025 का आयोजन हुआ संपन्न ...
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को समाज से जोड़ना समय की मांग है : केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया
ग्वालियर। एबीवी आईआईआईटीएम में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यक्रम “टेक फॉर सेवा – 2025” का भव्य समापन 14 सितम्बर को हुआ। यह आयोजन विज्ञान भारती – मध्य भारत, एबीवी–आईआईआईटीएम ग्वालियर एवं मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, भोपाल के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। इसमें देशभर से वैज्ञानिकों, शोधार्थियों, सामाजिक उद्यमियों, उद्योग प्रतिनिधियों एवं स्वयंसेवी संस्थाओं ने सक्रिय सहभागिता की।
समापन सत्र को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया (संचार एवं पूर्वोत्तर विकास मंत्रालय, भारत सरकार) ने संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी को समाज से जोड़ना समय की मांग है। जब विज्ञान प्रयोगशालाओं से निकलकर गांवों और खेत–खलिहानों तक पहुंचेगा तभी वास्तविक परिवर्तन संभव होगा !
इस अवसर पर मंच पर डॉ. मांगी लाल जाट (महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान), डॉ. शिवकुमार शर्मा (अखिल भारतीय संगठन मंत्री, विज्ञान भारती), डॉ. गोवर्धन दास (निदेशक, IISER भोपाल) तथा डॉ. अनिल कोठारी (मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संचालन विज्ञान भारती मध्य भारत के प्रांत महासचिव श्री संजय कौरव द्वारा किया गया...
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के द्वितीय दिवस का शुभारंभ “सर्वसमावेशी कृषि एवं उद्योग हेतु जल” विषय पर डॉ. सुनील चतुर्वेदी के सत्र से हुआ, जिसमें शोधार्थियों ने सक्रिय चर्चा की। समानांतर गोलमेज चर्चाओं में ऊर्जा–पर्यावरण, पारंपरिक ज्ञान, नवाचार, कृषि, आजीविका व सामाजिक उद्यमिता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श हुआ।
विभिन्न सत्रों में डॉ राजीव चतुर्वेदी सलाहकार श्रीराम ग्रुप ऑफ कॉलेज , डॉ. एन.पी. राजीव, डॉ. तृप्ति सिंह, डॉ. अजय चौरसिया, डॉ. पवन अग्रवाल (निदेशक, श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ आईटी, ग्वालियर), डॉ. श्रीनिवास सिंह (निदेशक, ABV-IIITM ग्वालियर) एवं श्री इम्तियाज अली (सार्थक फाउंडेशन, भोपाल) डॉ शरतचंद्र श्रीवास्तव ,डॉ विनय सिंह ,श्री योगेश इंदौरिया जैसे विशेषज्ञों ने “सामाजिक उद्यमिता व प्रौद्योगिकी संचालित विकास” पर अपने विचार साझा किए। इसी क्रम में एक किसान ने ऑर्गेनिक फार्मिंग की सफलता की कहानी रखी, जिसने प्रतिभागियों को सतत कृषि की दिशा में प्रेरित किया।
अंतिम दिवस के प्रथम सत्र “सेवा हेतु तकनीकी सुदृढ़ीकरण के आगे का मार्ग” में डॉ. मांगी लाल जाट (महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान), श्री प्रवीण रामदास (विज्ञान भारती), डॉ. गोवर्धन दास (निदेशक, IISER भोपाल), डॉ. रंजीत सिंह तोमर (ITM विश्वविद्यालय), डॉ. अनिल कोठारी (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद) सहित अनेक विद्वानों ने विचार प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर आयोजित तकनीकी प्रदर्शनी ने विशेष आकर्षण का केंद्र बनकर कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्रों व जैव प्रौद्योगिकी संस्थानों के नवाचारों को सामने लाया।
टेक फॉर सेवा – 2025 ने यह स्पष्ट संदेश दिया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित न रहकर समाज और ग्रामीण विकास की धुरी बने, तथा उद्योग–संस्थान–एनजीओ के बीच एक सशक्त सेतु का कार्य करे।
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