G News 24 : IAS अफसरों ने संपत्ति का खुलासा नहीं किया तो गया हाथ से प्रमोशन !

 IAS अफसरों को देना होगा ऑनलाइन प्रॉपर्टी विवरण...

IAS अफसरों ने संपत्ति का खुलासा नहीं किया तो गया हाथ से प्रमोशन ! 

भोपाल। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए यह चेताने वाली खबर है। जरा सी लापरवाही के चलते उनका प्रमोशन लटक सकता है। जी हां, मध्यप्रदेश कैडर के अफसरों ने अगर समय रहते अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया तो उनके लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है। चल और अचल संपत्ति का ब्योरा देने में देरी करने या नहीं देने वाले एमपी कैडर के आईएएस अफसरों का प्रमोशन अगले साल से अटक सकता है। केंद्र सरकार के कार्मिक लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के निर्देश के बाद यह बात सामने आई है। डीओपीटी ने साफ कहा है कि 31 जनवरी तक ब्योरा नहीं देने वालों को प्रमोशन नहीं मिलेगा। इसके बाद राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग ने मध्य प्रदेश में यह निर्देश जारी किये हैं।

निर्देशों में कहा गया है कि भारत सरकार की वेबसाइट स्पैरो (एसपीएआरआरओडब्ल्यू) पर वार्षिक अचल संपत्ति पत्रक (इम्मूवल प्रॉपर्टी रिपोर्ट) हर साल 31 जनवरी तक ऑनलाइन सबमिट की जाएगी। इसमें बीते हुए वर्ष में 31 दिसम्बर तक की स्थिति में आईएएस अधिकारी के पास मौजूद अचल संपत्ति की जानकारी दिया जाना है, जिसमें पैतृक और आईएएस अफसर द्वारा खुद या पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति शामिल रहती है। डीओपीटी ने कहा कि अखिल भारतीय सेवा कंडक्ट रूल्स 1968 के नियम 16 (2) के अंतर्गत यह निर्देश जारी किए जा गए हैं और अफसरों की अगली वेतन मैट्रिक्स (पदोन्नति) के लिए यह जरूरी है। स्पैरो मॉड्यूल हर साल 31 जनवरी की आधी रात के बाद ऑटो लॉक होता है। इसमें यह भी कहा गया है कि कई बार अधिकारी ओटीपी नहीं आने या फिर अन्य तकनीकी कारणों का हवाला देकर रिपोर्ट सबमिट नहीं कर पाने का हवाला देते हैं। यह उचित नहीं है। इसलिए समय से पहले अधिकारियों को इस तरह की रिपोर्ट सबमिट कर देना चाहिए।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कुल आईएएस अफसरों के 459 पद हैं, वर्तमान में 377 अधिकारी कार्यरत हैं। पिछले दिनों एक विश्लेषण में यह बात सामने आई है कि करीब 12 अफसर संपत्ति का ब्योरा नहीं देते हैं, वहीं 20 से ज्यादा अफसर निर्धारित तारीख के बाद ब्योरा देते हैं। बता दें कि भारत सरकार की वेबसाइट स्पैरो (एसपीएआरआरओडब्ल्यू) पर वार्षिक अचल संपत्ति पत्रक (इम्मूवल प्रॉपर्टी रिपोर्ट) हर साल 31 जनवरी तक ऑनलाइन जमा की जाएगी। बीते हुए वर्ष में 31 दिसम्बर तक की स्थिति में आईएएस अधिकारी के पास मौजूद अचल संपत्ति की जानकारी दिया जाना है, जिसमें पैतृक और आईएएस अफसर द्वारा खुद या पत्नी के नाम पर खरीदी गई संपत्ति शामिल रहती है। बता दें कि कई बार अधिकारी ओटीपी नहीं आने या फिर अन्य तकनीकी कारणों का हवाला देकर रिपोर्ट जमा नहीं कर पाने की बात कहते हैं, जो कि उचित नहीं है। केंद्र की तरफ से जारी आदेश में यह उल्लेख है कि यदि कोई अधिकारी तय समयसीमा में अपनी संपत्ति का विवरण नहीं देता, तो उसे पदोन्नति संबंधी विचार से बाहर कर दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य सरकार ने सभी विभागों को पत्र भेजकर निर्देशित किया है कि समयसीमा का सख्ती से पालन कराया जाए। जानकारी के अनुसार बीते वर्षों में भी कई अधिकारियों को प्रमोशन से वंचित रहना पड़ा था क्योंकि उन्होंने ऑनलाइन प्रॉपर्टी विवरण समय पर अपलोड नहीं किया था। इस बार भी सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।

राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चल रहे ओबीसी को 27 प्रतिशत का आरक्षण देने के मामले में प्रभारी अधिकारी बदल दिया है। अब प्रभारी अधिकारी संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अरुण कुमार श्रीवास्तव के स्थान पर सामान्य प्रशासन विभाग के आरक्षण प्रकोष्ठ के उप सचिव दिलीप कुमार कापसे होंगे। नए प्रभारी ही अब सभी रिट याचिकाओं के अभिवचनों पर हस्ताक्षर करेंगे और सभी सुसंगत फाइलें, दस्तावेज, नियम, अधिसूचनाएं और आदेश एकत्रित करेंगे तथा याचिका में उठाए गए समस्त बिन्दुओं पर उत्तर तैयार करेंगे। नए प्रभारी अधिकारी को यदि स्थानांतरण आदेश प्राप्त होता है, तो वह तत्काल इसकी सूचना देगा एवं वर्तमान पद का प्रभार सौंप देने के बाद भी तब तक प्रभारी अधिकारी बना रहेगा, जब तक कि अन्य प्रभारी अधिकारी की नियुक्ति नहीं कर दी जाती है।

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