G NEWS 24 : GST के स्लैब व दरें कम किए जाने से व्यापार और उद्योग को होंगे कई तरह के फायदे : MPCCI

अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा...

GST के स्लैब व दरें कम किए जाने से व्यापार और उद्योग को होंगे कई तरह के फायदे : MPCCI

ग्वालियर। भारत सरकार द्वारा जीएसटी के 02 स्लेब तथा दरें कम किए जाने से देश की अर्थव्यवस्था को अवश्य ही बढ़ावा मिलेगा क्योंकि किसी भी देश में व्यापार और उद्योग जब फलते-फूलते हैं, तो इसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। उत्पादन बढ़ने से जीडीपी में वृद्धि होती है, रोजगार के अवसर पैदा होते हैं और सरकारी राजस्व में भी दीर्घकालिक रूप से बढ़ोतरी हो सकती है। अध्यक्ष-डॉ. प्रवीण अग्रवाल, संयुक्त अध्यक्ष-हेमन्त गुप्ता, उपाध्यक्ष-डॉ. राकेश अग्रवाल, मानसेवी सचिव-दीपक अग्रवाल, मानसेवी संयुक्त सचिव-पवन कुमार अग्रवाल एवं कोषाध्यक्ष-संदीप नारायण अग्रवाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि कच्चे माल, मशीनरी और अन्य इनपुट पर GST दरें कम होने से उद्योगों की उत्पादन लागत घटेगी, जिससे वे अपने उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी कीमतों पर बेच सकेंगे। 

जीएसटी दरों में कमी से अंतिम उत्पादों की कीमतें कम हो जाएंगी। इससे उपभोक्ताओं के लिए वे उत्पाद अधिक किफायती हो जाएंगे। बढ़ी हुई मांग से उद्योगों का उत्पादन और बिक्री बढ़ेगी, जिससे उद्योगों को अधिक मुनाफा होगा। इससे रोजगार के नवीन अवसरों का सृजन होगा। पदाधिकारियों ने कहा है कि GST दरों में कमी से और केवल 02 स्लैब संरचना से कर प्रणाली सरल और पारदर्शी बनेगी। इससे MSME सेक्टर के लिए नियमों का पालन करना और रिटर्न दाखिल करना आसान होगा, जिससे समय और लागत में कमी आएगी। 

साथ ही, करों में कमी से उद्योगों को अधिक मुनाफा होगा, जिसका उपयोग वह विस्तार एवं नई तकनीक में निवेश के लिए कर सकेंगे। MPCCI ने कहा है कि सीमेंट जैसी निर्माण सामग्री पर जीएसटी दर कम होने से घरों और बुनियादी ढांचों के निर्माण की लागत कम होगी और इससे रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। इससे ऑटोमोबाइल सेक्टर को भी लाभ होगा क्योंकि छोटी कारों और अन्य वाहनों पर जीएसटी में की गई कटौती से वे अधिक किफायती हो गई हैं, जिससे उनकी बिक्री में वृद्धि होने की उम्मीद है। साथ ही, दूध, घी, पनीर और अन्य खाद्य उत्पादों पर जीएसटी कम होने से इन क्षेत्रों की मांग बढ़ेगी और उपभोक्ताओं को भी लाभ होगा। 

इसके साथ ही पदाधिकारियों ने माँग की है कि रु. 40 लाख तक के टर्नओवर वाले व्यापारी को जीएसटी में रजिस्ट्रेशन करवाना ऐच्छिक है, उसकी लिमिट बढ़ाकर कम से कम 80 लाख रुपये करनी चाहिए, क्योंकि स्ट्रीट वेंडर का भी टर्नओवर इससे ऊपर चला जाता है। परिणाम स्वरूप जीएसटी विभाग उन्हें नोटिस देता है, जिससे ऑनलाइन पेमेंट जो चलन में आया है, उस पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा । अतः उसकी लिमिट कम से कम 80 लाख रुपये की जानी चाहिए । पदाधिकारियों ने जीएसटी की दरों में किए गए उपरोक्त सुधारों के प्रति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण के प्रति आभार व धन्यवाद व्यक्त किया है।

Reactions

Post a Comment

0 Comments