1400 गांव और 4.5 लाख लोग प्रभावित... 37 की मौत, अभी दो दिन औरभारी बारिश...
पंजाब में बाढ़ की चपेट में 1400 से अधिक गांव आए गए हैं। 4.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित !
चंडीगढ़। पंजाब में बाढ़ की चपेट में 1400 से अधिक गांव आए गए हैं। 4.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। करीब 37 लोगों की जान चली गई। 3.5 लाख एकड़ जमीन में फसल पानी में डूब गई है। राज्य सरकार ने 71 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है। पंजाब में अभी और हालात बिगड़ सकते हैं। दो दिन भारी बारिश का अलर्ट है।
पठानकोट स्थित रणजीत सागर बांध के सातों गेट खोलने पड़े
हिमाचल और पंजाब में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात खराब हो गए हैं। पंजाब के सभी 23 जिलों में 1400 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में पंजाब सरकार ने पूरे राज्य को आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है।
सभी विभागों को प्रभावित सेवाओं को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने के आदेश दिए गए हैं। सभी विभागों में कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। मुख्य सचिव केएपी सिन्हा ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों और विभागों को राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा है।
शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने सभी सरकारी, एडेड, मान्यता प्राप्त, निजी स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय और पॉलिटेक्निक संस्थानों को 7 सितंबर तक बंद करने का फैसला लिया गया है। पहले इन्हें 3 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया था।
अब तक 37 लोगों की जान गई
राज्य में 3.5 लाख एकड़ जमीन में फसल डूब गई है। अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है। बुधवार को भी तीन लोगों की मौत हो गई। इनमें बरनाला में बुजुर्ग दंपती और लुधियाना में एक युवक शामिल हैं। राज्य में 4.5 लाख से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
तीन बांधों पर बढ़ा दबाव... इसलिए पंजाब में ज्यादा बिगड़े हालात
हिमाचल के ऊपरी क्षेत्रों में हो रही जोरदार बारिश व बादल फटने की घटनाओं के चलते भाखड़ा बांध के पीछे बनी विशाल गोबिंद सागर झील का 1678.10 फीट पंहुच गया है जो खतरे के निशान से मात्र दो फीट कम है। खतरे का निशान 1680 फीट है। भाखड़ा से रोज 75 हजार क्यूसेक पानी टर्बाइनों व फ्लड गेटों से छोड़ा जा रहा है। नंगल हाइडल नहर और श्री आंनदपुर साहिब हाइडल नहर में 9 हजार जबकि सतलुज दरिया में लगभग 57 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। लगभग 20 जगह पर नहर की मरम्मत का काम चल रहा है।
पौंग बांध जलाशय में जलस्तर खतरे के निशान से चार फीट ऊपर
होशियारपुर के तलवाड़ा मेंपौंग बांध जलाशय में जलस्तर खतरे के निशान से चार फीट ऊपर चला गया है। इसलिए बीबीएमबी ने धीरे-धीरे पानी की मात्रा बढ़ाकर एक लाख क्यूसेक करने का निर्णय लिया है। बीबीएमबी तलवाड़ा टाउनशिप के जल विनियमन प्रकोष्ठ के अतिरिक्त अधीक्षण अभियंता ने बताया गया है कि बुधवार दोपहर 12 बजे पौंग बांध के जलाशय में जलस्तर 1394.15 फीट दर्ज किया गया। वर्तमान में रोज 80,000 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। अब इसे बढ़ा कर 1 लाख क्यूसेक किया जाएगा।
रणजीत सागर बांध के सातों गेट पहली बार खोले गए
पठानकोट। पंजाब में वर्ष 1988, 93 के बाद 2025 में ऐसे हालात बने हैं। रणजीत सागर बांध पर कार्यरत कर्मियों के मुताबिक उन्होंने ऐसी बाढ़ पहली बार देखी है। जबसे बांध बना है तब से अब तक पहली बार सातों गेट खोलने पड़े हैं। बुधवार को बांध में जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर नीचे 526.97 मीटर तक पहुंच गया। बुधवार को 71 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
दो दिन भारी बारिश का अलर्ट,विभागों को निर्देश जारी
- -पीडब्ल्यूडी, जल संसाधन विभाग और पीएसपीसीएल को सेवाओं को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना होगा।
- -टेलीकॉम सेवा प्रदाता मोबाइल और लैंडलाइन सेवाओं की बहाली तुरंत करें।
- -पंचायत और शहरी निकाय आपातकालीन प्रतिक्रिया, राहत और पुनर्वास में पूरी मदद करें।
- -सभी विभाग और एजेंसियां लोगों की जान और संपत्ति की रक्षा के लिए पूरी तत्परता से कार्य करें।
- आपदाग्रस्त घोषित करने के मायने: डीसी अपने स्तर पर ले सकेंगे फैसला, अधिक फंड की उम्मीद
राज्य को आपदा प्रभावित घोषित करने का मतलब है कि अब सभी जिले ही बाढ़ से प्रभावित है जिसके तहत अब आपदा से निपटने के लिए डीसी अपने स्तर पर फैसले ले सकते हैं। इससे आपातकालीन सेवाओं में तेजी आएगी। साथ ही प्रदेश को केंद्र से अतिरिक्त पैकेज भी मिल सकता है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बड़े पैमाने पर तैनात की जाती हैं। सड़कें, स्कूल, अस्पताल के पुनर्निमाण और कृषि भूमि बहाल करने के लिए विशेष पैकेज तैयार किया जा सकता है। किसानों को विशेष राहत दी जा सकती है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान वीरवार को प्रदेश के दौरे पर आएंगे। यह जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की है। आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल भी वीरवार को पंजाब का दौरा करेंगे।
वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा है कि पंजाब, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है, इसलिए इन राज्यों व खासकर किसानों के लिए केंद्र सरकार विशेष राहत पैकेज का एलान करे।
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