न्यायिक-गैर न्यायिक विभाजन मंजूर नहीं...
दूसरे दिन भी राजस्व अधिकारियों ने काम से बनाई दूरी !
भोपाल। राजस्व अधिकारियों ने न्यायिक और गैन न्यायिक विभाजन को लेकर गुरूवार को भी विरोध हो रहा है। भोपाल के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार कलेक्टोरेट पहुंचे और अपनी गाडि़यां जमा करा दी है। भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलें शामिल है। इनके तहसीलदार नायब तहसीलदारों का ेअब न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया गया है। यानी जो अधिकारी न्याचिक कार्य कर रहे हैं। वह फील्ड में नहीं है। व्ही, फील्ड वाले अधिकारी न्याचिक कार्य नहीं कर रहे हैं। इस व्यवस्था का वह भी विरोध कर रहे हैं। बुधवार को न्यायालय सहित अन्य काम उन्होंने नहीं किये थे।
गुरूवार को भी ऐसी ही स्थिति है। इस कारण से आमजनों के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। न्यायालय में प्रकरणों की सुनवाई नहीं हो रही है ता जनता से जुड़े काम भी अटक रहे हैं। गुरूवार की सुबह सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदार एक साथ कलेक्टोरेट पहुंचे ओर इसके बाद उन्होंने गाडि़यों की चाबियां सौंप दी है। विभाजन को लेकर संघ की बैठक हो चुकी है। इसमें संवर्ग में विभाजन की इस योजना के पूर्ण रूप से वापिस नहीं होने तक सभी राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन कार्यो का छोड़कर समस्त कार्यो से विरत रहते हुए जिला मुख्यालयों पर उपस्थित रहने का निर्णय लिया गया।
हालांकि कोई भी सामूहिक अवकाश या हड़ताल पर नहीं है। सभी राजस्व अधिकारी जिला मुख्यालय पर ही उपस्थित है। इस संबंध में मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ राजस्व मंत्री वर्मा और सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात रख चुका है। इस दौरान बताया गया था कि अगले 3 महीने के लिए 12 जिलों में ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की जाएगी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई। इसके चलते संघ के सभी जिला अध्यक्ष, प्रभारी और प्रतिनिधियों की बैठक हुई।
इसमें 6 अगस्त से विरोध करने का फिर से निर्णय लिया गया। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद कुंभकार ने बताया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई जिलों में राजस्व अधिकारी विरोध कर रहे हैं। भोपाल में भी असर देखने को मिल रहा है। विरोध के चलते बुधवार को ही राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा था कि यह कैबिनेट का निर्णय है। प्रोटोकॉल और न्यायालयीन प्रक्रिया में पहले बड़ी दिक्कतें आ रही थीं। सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के लिए व्यवस्था नहीं की है। कुछ के लिए ही है।
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