प्रधानमंत्री ने हर संभव सहयोग देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई...
PM मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से की चर्चा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने फोन किया और यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों पर अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री कार्यालय ने ये जानकारी दी है। PMO ने बताया, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन से जुड़े हालिया घटनाक्रमों पर अपने विचार साझा किए। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की का धन्यवाद किया और संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान तथा शांति की शीघ्र बहाली के प्रयासों के प्रति भारत के दृढ़ और निरंतर रुख की पुष्टि की।
प्रधानमंत्री ने इस संबंध में हर संभव सहयोग देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।" पीएम मोदी ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति जेलेंस्की को आज फोन पर बात करने के लिए धन्यवाद। हमने चल रहे संघर्ष, उसके मानवीय पहलू और शांति एवं स्थिरता बहाल करने के प्रयासों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। भारत इस दिशा में सभी प्रयासों को पूर्ण समर्थन देता है।"
जेलेंस्की ने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर कहा, "मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की। मैंने उन्हें वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ हुई बातचीत के बारे में बताया, जिसमें यूरोपीय नेताओं ने भी हिस्सा लिया। यह एक उपयोगी और महत्वपूर्ण बातचीत थी, जिसमें साझेदारों के बीच वास्तविक शांति कैसे प्राप्त की जाए, इस पर एक साझा दृष्टिकोण सामने आया। यूक्रेन ने रूस के प्रमुख के साथ बैठक के लिए अपनी तत्परता दोहराई। लगभग दो हफ्ते बीत चुके हैं, और इस दौरान, जब रूस को कूटनीति की तैयारी करनी चाहिए थी, मास्को ने कोई सकारात्मक संकेत नहीं दिया है - केवल नागरिक ठिकानों पर निंदनीय हमले किए हैं और हमारे दर्जनों लोगों को मार डाला है। मैं प्रधानमंत्री को पीड़ितों के परिवारों और प्रियजनों के प्रति उनकी संवेदना के लिए धन्यवाद देता हूं।"
जेलेंस्की ने कहा, "शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन से पहले हमने अपनी स्थिति पर सहमति जताई। इस युद्ध का अंत तत्काल युद्धविराम और आवश्यक शांति से होना चाहिए। यह स्थिति सभी समझते हैं और इसका समर्थन करते हैं। जब हमारे शहर और समुदाय लगातार गोलाबारी की चपेट में हैं, तो शांति की सार्थक बात करना असंभव है। भारत शिखर सम्मेलन से इतर होने वाली बैठकों के दौरान आवश्यक प्रयास करने और रूस तथा अन्य नेताओं को उचित संकेत देने के लिए तैयार है। धन्यवाद। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों, यात्राओं के आदान-प्रदान की तैयारियों और संयुक्त अंतर-सरकारी आयोग की बैठक के आयोजन पर भी चर्चा की। इसमें ऐसी क्षमताएं हैं जिन्हें हम साकार कर सकते हैं। मुझे निकट भविष्य में प्रधानमंत्री से मिलकर खुशी होगी।"
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