आवास पर बेहिसाब नगदी मिलने के बाद...
जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ संसद में महाभियोग चलाने की कार्यवाही शुरू !
नई दिल्ली। कैशकांड में घिरे जस्टिस यशवंत वर्मा को पद से हटाने के लिये उनके खिलाफ संसद में महाभियोग चलाने की कार्यवाही शुरू हो गयी। हाईकोर्ट के जज वर्मा अपने आवास पर बेहिसाब नगदी मिलने के बाद कदाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। संसद के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को लोकसभा के 145 सांसदों ने जस्टिस वर्मा के खिलाफ लाये गये महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किये। वहीं राज्यसभा में 54 सांसदों ने हाईकोर्ट जज वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव का समर्थन किया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन सौंपे जाने के बाद जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिये आगे की कार्यवाही शुरू हो गयी है।
संविधान के अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत दायर इस महाभियोग प्रस्ताव को भाजपा, कांग्रेस, टीडीपी, जेडीयू, सीपीएम समेत विभिन्न दलों के सांसदों का समर्थन प्र्राप्त हुआ है। प्रस्ताव पर अनुराग ठाकुर, रविशंकर प्रसाद, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राजीव प्रताप रूडी, सुप्रिया सुले, केसी वेणुगोपाल, और पीपी चौधरी जैसे सांसदों के हस्ताक्षर किये है। उच्च सदन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि उन्हें न्यायमूर्ति वर्मा को हटाने की मांग वाला एक प्रस्ताव मिला है। जिस पर 50 से ज्यादा राज्यसभा सांसदों के हस्ताक्षर हैं। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा है कि हाईकोर्ट जज को पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिये जरूरी संख्या से अधिक सांसदों का नोटिस मिला है।
उन्होंने कहा है कि अगर एक सदन में प्रस्ताव आये तो प्रीसाइडिंग ऑफिसर के पास यह अधिकार होता है कि वह उसे स्वीकार करे या खारिज कर दें। लेकिन अगर दोनों सदनों में एक ही दिन मोशन आता है। यह सदन की प्रॉपर्टी हो जाता है। मुख्य न्यायाधीश, हाईकोर्ट के एक चीफ जस्टिस और एक सदस्य को लेकर 3 सदस्यीय कमेटी बनाई जाती है। इस कमेटी की रिपोर्ट के बाद स्पीकर या चेयरमैन मोशन पर फैसला ले सकते है। सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल से इस बात की पुष्टि करने के लिये कहा है कि क्या यह मोशन लोकसभा में भी आया है। इस पर कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा है कि लोकसभा में भी सदस्यों ने स्पीकर को मोशन सौंपा है।
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