कई महत्वपूर्ण बिंदु और कथित भ्रष्टाचार का खुलासा...
मशहूर इस्लामिक स्कॉलर, लेखक मुफ्ती मंजूर जियाई की नई किताब ने खोली वक्फ की पोल
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में मंगलवार को मशहूर इस्लामिक स्कॉलर, लेखक और समाज सुधारक मुफ्ती मंजूर जियाई की नई किताब 'वक्फ: शरीयत, राजनीति और सुधार-भारतीय परिप्रेक्ष्य' का विमोचन मुंबई प्रेस क्लब में किया गया. इस मौके पर बड़ी तादाद में सामाजिक कार्यकर्ता, बुद्धिजीवी और पत्रकार मौजूद थे. इस मौके पर किताब के लेखक मुफ्ती मंजूर जियाई ने मीडिया से बातचीत और इसके सभी पहलुओं पर चर्चा की.
किताब के विमोचन के मौके पर मुफ्ती जियाई ने कहा कि यह किताब वक्फ की शरीयत में हैसियत, कानूनी पहलुओं और उसके सामाजिक सरोकारों पर आधारित है. उन्होंने कहा, "यह सिर्फ पढ़ने की किताब नहीं है बल्कि अपने हक को जानने और उसके लिए लड़ने का दस्तावेज है."
मुफ्ती मंजूर जियाई ने साफ शब्दों में कहा कि देशभर में मौजूद वक्फ की संपत्तियों पर कब्जा और गबन लगातार जारी है, लेकिन असली हकदार यानी मुसलमान समाज अब भी इससे वंचित है. उन्होंने वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार और सरकार की नियत पर सवाल खड़ा करते हुए कहा, "वक्फ संपत्तियां अल्लाह की राह में हैं, लेकिन अस्पताल और स्कूल कहां हैं?"
मुफ्ती जियाई ने बेहद भावुक अंदाज में सवाल किया, "जब वक्फ की संपत्तियां अल्लाह की राह में हैं, तो अब तक इन संपत्तियों पर कोई अस्पताल, स्कूल या मेडिकल सेंटर क्यों नहीं बना? इमामों की आर्थिक हालत बदतर क्यों है? हमारी नई पीढ़ी को वजीफे क्यों नहीं मिल रहे हैं?" उन्होंने एक घटना को शेयर करते हुए बताया कि "एक इमाम का 12 साल का बेटा अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है, लेकिन इलाज के लिए पैसे नहीं हैं. यह हाल तब है जब अरबों की वक्फ संपत्ति मौजूद है."
जब मुफ्ती जियाई से पूछा गया कि क्या नया वक्फ एक्ट मुसलमानों के लिए फायदेमंद है तो उन्होंने कहा, "यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसलिए अभी कोई राय देना जल्दबाजी होगी, लेकिन समाज को इसके फायदे और नुकसान दोनों को समझना जरूरी है." मुफ्ती जियाई ने कहा कि समाज में जागरूकता फैलाने के लिए उन्होंने 3000 किताबें मुफ्त में वितरित करने का फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि मेरा लक्ष्य है, मुसलमानों को वक्फ से जुड़े उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना और उन्हें संगठित करना.
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