परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बीएसएफ ने भी अपने प्रशिक्षण में बड़े बदलाव किए है...
आपरेशन सिंदूर के बाद युद्ध अब नई टेक्नोलाजी और नई रणनीति से होंगे : डा. शमशेर सिंह
ग्वालियर। देश की सेना द्वारा हाल ही में किए गए आपरेशन सिंदूर के बाद से बीएसएफ ने भी अपने प्रशिक्षण में बड़े बदलाव किए है। वहीं ड्रोन तकनीकी को देखते हुए शनिवार से स्कूल आफ ड्रोन भी अकादमी में शुरू किया गया है। इस स्कूल में ड्रोन तकनीक के साथ ही वारफेयर, ड्रोन कमांडो और ड्रोन वारियर तैयार किये जायेंगे। यह कहना है सीमा सुरक्षा बल अकादमी टेकनपुर के निदेशक डा शमशेर सिंह का। श्री सिंह ने उक्त बात सीमा सुरक्षाबल टेकनपुर एकेडमी ग्वालियर में शनिवार को आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद पत्रकारों से रूबरू होते हुए कही।उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षाबल टेकनपुर एकेडमी ग्वालियर में इसके पहले बैच ने शनिवार से प्रशिक्षण लेना शुरू कर दिया है।
श्री सिंह ने कहा कि अब युद्ध में नई तकनीक प्रणाली आ गई है। इसे देखते हुये सीमा सुरक्षा बल ने भी अपने प्रशिक्षण में बदलाव करने का फैसला किया है। इस बार युद्ध में ड्रोन तकनीक से लड़ाई हुई। इसे देखते हुये ड्रोन कमांडो और ड्रोन वारियर का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि हाल ही में सचिव विज्ञान एवं प्रोद्योगिकी विभाग भारत सरकार प्रो. अभय करंदीकर ग्वालियर आगमन पर अकादमी में आए थे और उन्होंने यहां पर ड्रोन लैब का अकादमी द्वारा संचालित महाविद्यालय में शुभारंभ किया था। वहीं उन्होंने ड्रोन से संबंधित अधिकततम तकनीक के लिए भी बीएसएफ से कहा था। इसके बाद से उन्हांेने इसकी पहल करते हुये स्कूल आफ ड्रोन की स्थापना कर उसका पहला बैच शुरू किया है। उन्होंने बताया कि टेकनपुर में प्रशिक्षण के लिए आने वाले सहायक कमांडेंट से लेकर आरक्षक तक को ड्रोन तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
बल में अब देशी नस्ल के रामपुर हाउंड डाग को प्रधानमंत्री के निर्देश पर प्रशिक्षण देना शुरू किया है। इसका प्रयोग बहुत सफल रहा है। सबसे पहले रिया नाम की डाग को महाराष्ट्र से लाकर प्रशिक्षण दिया था, जिसने कई स्पर्धाओं में कई इनाम जीते। वहीं अब कई कुत्तों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे जहां विदेशी डाग को लाने का खर्च बच रहा है, वहीं प्रशिक्षण भी उनसे बेहतर मिल रहा है। रासायनिक युद्ध की संभावना पर उन्होंने कहा कि हम ऐसे सभी युद्ध पर निगाह रखते है और उसे प्रशिक्षण में शामिल करते है। उन्होंने बताया कि अब आधुनिक हथियार नये तरीके के होंगे उनसे ही युद्ध लड़ा जायेगा। इन हथियारों को हम अपनी यूनिट सेनवेस्टो में तैयार करेंगे।
0 Comments