G News 24 : कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद पर इमरान मसूद के बयान को क्या समझा जाए,धमकी या मजबूरी !

 'वो मुस्लिम बहुल इलाकों से भी गुजरते हैं...फिर भी याद रहे यहां योगी का शासन है... 

कांवड़ यात्रा नेम प्लेट विवाद पर इमरान मसूद के बयान को क्या समझा जाए,धमकी या मजबूरी !

इमरान मसूद ने कहा कि "यह लोग साझा संस्कृति, साझा विरासत को नष्ट करना चाहते हैं. कांवड़ यात्रा मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से भी होकर गुजरती हैं. मुसलमान भी उनकी सेवा करते हैं.यूपी में कांवड़ यात्रा मार्ग पर नेम प्लेट विवाद पर सियासत तेज होती जा रही है. समाजवादी पार्टी समेत तमाम विरोधी दलों ने इस पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. यूपी की सहारनपुर सीट से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि ये देश मोहब्बत का देश है, नफरत का नहीं. मुसलमान भी कावड़ यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं लेकिन इन्हें इससे परेशानी होती है. 

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने पता नहीं किस मजबूरी के तहत कहा है कि "यह लोग साझा संस्कृति, साझा विरासत को नष्ट करना चाहते हैं. जो लोग भक्ति में सराबोर आते हैं, उनकी सेवा में सभी लोग लगे रहते हैं. वो मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से भी होकर गुजरते हैं. मुसलमान भी उनकी सेवा करने का काम करते हैं. इनको इससे भी परेशानी होती है. इमरान मसूद के इस बयान में  साझा विरासत विरासत कम,धमकी वाली बात ज्यादा दिख रही है। क्योंकि इमरान तो धमकी देने के लिए जाने जाते है। लेकिन उसे याद रखना चाहिए कि यहां योगी का शासन है। 

नेम प्लेट विवाद पर बोले इमरान मसूद 

इमरान मसूद ने कहा कि "यह मोहब्बत का देश है, नफरत का नहीं है. पिछली बार भी इन्होंने कोशिश की थी लेकिन, पिछली बार भी लोगों ने उनकी कोशिशों को फेल कर दिया था, इस बार फेल कर देंगे." कांग्रेस सांसद ने इससे पहले भी कांवड़ यात्रा को शांति और सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न कराने की बात कही थी. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों में अधिक सेंसेशन फैलाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए. वो खुद भी कांवड़ शिविरों में सेवा कार्य करते रहे हैं. 

बता दें कि यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पिछले साल कांवड़ यात्रा के दौरान खाने-पीने की दुकानों में साफ-सफाई और मिलावट को रोकने के लिए कई बड़े फैसले लिए थे, जिसके तहत दुकानों पर नाम लिखने के लिए भी कहा गया था. इस साल भी कांवड़ यात्रा शुरू होने से पहले ये फैसले लिए गए हैं. पिछले साल से शुरू हुआ ये सिलसिला आज भी जारी है. सीएम योगी ने इस संबंध में सख्त निर्देश दिए हैं कि 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा मार्ग पर सभी विक्रेता अपने नाम, पते और मोबाइल नंबर स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करेंगे. जिसके बाद इस फैसले पर सपा कांग्रेस की और से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. 


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