G News 24 : ईओडब्ल्यू को धनकुबेर ARTO संतोष के यहां,आय से 650 गुना अधिक संपत्ति मिली !

संतोष के पास से आलीशान घर, थिएटर और जिम समेत विलासिता की तमाम सुविधाएं मिली...

ईओडब्ल्यू को धनकुबेर ARTO संतोष के यहां,आय से 650 गुना अधिक संपत्ति  मिली !

जबलपुर में ईओडब्ल्यू के दो रूप दिख रहे हैं. एक तरफ आदमी जाति कल्याण विभाग की डिप्टी कमिश्नर जगदीश सरवटे के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है. वहीं, दूसरी ओर 18 अगस्त 2022 को एआरटीओ संतोष पाल के घर की गई करवाई में खुद ईओडब्ल्यू ने ही बताया था कि संतोष पाल के पास आय से 650 गुना अधिक संपत्ति पाई गई है. बावजूद इसके संतोष पॉल वाले मामले में ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में खात्मा रिपोर्ट लगा दिया है.हांलाकि, इस मामले में विशेष न्यायालय ने ईओडब्ल्यू को बड़ा झटका दिया है. दरअसल, विशेष न्यायालय ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एआरटीओ संतोष पाल और इस मामले दूसरे आरोपियों के विरुद्ध खात्मा रिपोर्ट को अनुचित मानते हुए निरस्त कर दिया है.  

खात्मा रिपोर्ट पर उठे सवाल

जबलपुर में ARTO संतोष पाल के घर पर 18 अगस्त 2022 को  EOW ने छापा मारा गया था. इसके बाद जांच एजेंसी ने करोड़ों की संपत्ति का विवरण दिया था. इसमें बताया गया था कि आलीशान घर, थिएटर और जिम समेत विलासिता की तमाम सुविधाएं मिली हैं, लेकिन, अब चौंकाते हुए ईओडब्ल्यू ने खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी है.

रिपोर्ट में खामियां ही खामियां

हालांकि, कोर्ट ने इसे खारिज करते हुए पुलिस अधीक्षक ईओडब्ल्यू को आगे की जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए.  कोर्ट ने शिकायतकर्ताओं की आपत्ति पर बिंदुवार टीप प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं. अधिवक्ता धीरज कुकरेजा और स्वप्निल सराफ ने वर्ष 2022 में यह प्रकरण पेश किया था, जिसमें 16 मई, 2025 को एसपी, ईओडब्ल्यू ने खात्मा रिपोर्ट पेश कर दी. लिहाजा, शिकायतकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता विजय श्रीवास्तव ने खात्मा रिपोर्ट के विरुद्ध आपत्ति-पत्र प्रस्तुत कर दिया, जिसमें कहा गया है कि साक्षियों और हस्ताक्षरित पंचनामा व खात्मा रिपोर्ट में दर्ज राशि में भारी विरोधाभास है. इससे साफ है कि एआरटीओ पाल सहित अन्य को लाभ पहुंचाने के लिए अदालत में दोषपूर्ण रिपोर्ट पेश की गई.

इसके अलावा, ये भी आरोप है कि मकान के निर्माण भूमि का भी गलत मूल्यांकन दर्ज किया गया है. भूखंडों के पंजीयन पत्रों की राशि और उस पर किए गए निर्माण को नहीं दिखाया गया, जबकि चारों भूखंड एक साथ लगे हुए हैं. इस तरह भ्रष्टाचार के आरोप जैसे गंभीर प्रकरण की लीपापोती का प्रयास किया गया है. 

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