G News 24 : नई व्यवस्था से भारी वाहन चालक अब नहीं लगा पाएंगे , पुलिस पर अवैध वसूली का आरोप !

 मप्र सरकार के परिवहन चेक पोस्टों पर विभाग के कर्मचारी अब बॉडी वार्मर साथ उतरे मैदान में...

नई व्यवस्था से भारी वाहन चालक अब नहीं लगा पाएंगे , पुलिस पर अवैध वसूली का आरोप !

भोपाल/ग्वालियर। मप्र सरकार ने परिवहन चेक पोस्टों के कर्मचारियों के खिलाफ मिलने वाली अवैध वसूली की शिकायतों के बाद, इन शिकायतों पर लगाम लगाने के लिए परिवहन विभाग के चेक पोस्टों को सरकार ने कुछ समय के लिए एका-एक बंद कर दिया था।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद परिवहन विभाग ने इसके आदेश जारी किए थे। इससे मध्य-प्रदेश सरकार को राजस्व का भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा था। 

इसके बाद सरकार ने इस विषय पर गहन चिंतन करते हुए तय किया कि ट्रांसपोर्टर और वाहन चालक भी खुश रहें और सरकार के राजस्व का भी नुक्सान ना उठाना पड़े इसके लिए सरकार द्वारा अब नई व्यवस्था के तहत रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चेकिंग प्वाइंट बनाए जाने की घोषणा की थी। इसके पहले चरण में 45 चेक पाइंट बनाए जाएंगे। इनके तैयार होने तक अभी प्रदेश में मोबाइल यूनिट गठित कर वाहनों की जांच की जा रही है। 

सरकार द्वारा अंतरराज्यीय सीमा पर स्थापित 45 चेक प्वाइंट में से कुछ चौकियों का जब हमारी टीम के द्वारा रियल्टी चैक किया गया तो, पाया गया कि इन चौकियों से अब वाहन बे-धड़क बिना किसी रोक-टोक के अपने गंतव्य की ओर आ-जा  रहे थे। हां जो वाहन ओवर लोड या अन्य किसी नियम के नियम का वॉयलेशन कर रहे थे उन्हें ही चौकियों पर तैनात स्टॉफ के द्वारा रोककर उनके कागजात चैक करके उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाही करते हुए ऑन लाइन चलानी प्रकिया को अंजाम दिया जा रहा था। इस पूरी कार्रवाही ऑन बॉडिवार्मर कैमरे के सामने किया जा रहा था। 

फिलहाल तो इस प्रकार की व्यवस्था के चलते परिवहन विभाग और मोहन सरकार के इस कार्य की सभी जगह सराहना हो रही है। क्योंकि अब बे-वजह वाहन ना रोके जाने से वाहन चालकों का समय और पैसा बच रहा है। इतना ही नहीं ऑनलाइन चालान जमा होने के कारण सरकार के खजाने में भी अच्छा-खासा राजस्व जमा हो रहा है।  इसलिए वाहन मालिक-चालक और सरकार सभी खुश लग रहे हैं।

  1. गौरतलब है की मप्र में परिवहन विभाग ने वाहनों की जांच के लिए नए नियम बनाए गए हैं। ये नियम 21 अप्रैल से लागू हो गए हैं। इन नियमों के अनुसार, जांच करने वाले अधिकारियों को बॉडी वार्न कैमरे और पीओएस मशीन का इस्तेमाल करना होगा। जांच पूरी करने के लिए सिर्फ 15 मिनट का समय मिलेगा। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि अवैध वसूली को रोका जा सके और वाहन मालिकों को बेवजह परेशान न किया जाए। अगर किसी वाहन को ज्यादा देर तक रोका जाता है, तो उसका कारण बताना होगा। लेकिन इसका पालन कहीं नहीं हो रहा है। नियमों के अनुसार एक गाड़ी की जांच पूरी होने के बाद ही दूसरी गाड़ी को रोका जा सकेगा। 
  2. जांच के दौरान बॉडी वार्न कैमरे लगाना जरूरी है। कर्मचारियों को वर्दी पहननी होगी और उस पर नाम की प्लेट भी लगानी होगी। परिवहन आयुक्त के नए आदेश के अनुसार, जांच सिर्फ वर्दी पहने हुए अधिकारियों की मौजूदगी में ही होगी। जांच के दौरान कम से कम एक सहायक परिवहन उप निरीक्षक का होना जरूरी है। कर्मचारियों को वर्दी पहननी होगी और वर्दी पर नाम की प्लेट भी लगानी होगी। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया, तो कार्रवाई की जाएगी। 
  3. जांच के दौरान कोई भी प्राइवेट आदमी वहां नहीं रह सकता। रात में जांच करते समय, ऐसी जगह चुननी होगी जहां अच्छी रोशनी हो। स्टाफ को एलईडी बैटन और रिफ्लेक्टिव जैकेट दिए जाएंगे। परिवहन आयुक्त ने साफ कहा है कि अगर कोई इन नियमों को तोड़ेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। परिवहन विभाग के चेक प्वाइंट और उडऩदस्ते अब जांच की पूरी रिकॉर्डिंग करेंगे। जांच के दौरान दो कैमरे चालू रहेंगे। एक कैमरा लाइव मोड में रहेगा, जबकि दूसरा स्टैंड बाय मोड में रहेगा। कैमरों की निगरानी और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी यूनिट प्रभारी की होगी। जांच की रिकॉर्डिंग को संभालकर रखना होगा और कैमरों को हमेशा चार्ज रखना है। 

ये व्यवस्था इसी प्रकार चलती रहे और इसमें पूरी पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए हमारी टीम इस रियल्टी चैक को जारी रखेगी। इस पर हमारी लगातार नजर बनी रहेगी, और हमें यदि कहीं कुछ गलत लगेगा या गलत होता दिखेगा तो उसे भी हम अपने चैनल के माध्यम सभी के सामने जरूर उजागर करेंगे। 

पहले चरण में  ये 45 चेक पाइंट बनाए जाएंगे...

झाबुआ में अहमदाबाद-इंदौर रोड, कुशलगढ़-इंदौर रोड, अलीराजपुर में अलीराजपुर-छोटा उदयपुर रोड, बड़वानी में बॉम्बे-आगरा रोड, बुरहानपुर में खंडवा-एदिलाबाद, अमरावती-जलगांव, इंदौर मार्ग, रतलाम में रतलाम-बांसवाड़ा, जावरा-बनसुरा प्रतापगढ़ रोड, मंदसौर में मंदसौर-डूंगरपुर, झालावाड़-भानपुरा रोड, नीमच में नीमच-उदयपुर, चित्तौडग़ढ़-इंदौर मार्ग, आगर-मालवा में उज्जैन-झालावाड़ रोड, दतिया में झांसी-ग्वालियर, चिरूला चैकपॉइंट, शिवपुरी में झांसी-शिवपुरी, शिवपुरी-कोटा रोड, भिंड में इटावा-ग्वालियर रोड, गुना में बीनागंज-मनोहर थाना रोड, श्योपुर में श्योपुर-कोटा, श्योपुर-सवाईमाधोपुर, राजगढ़ में जबलपुर-जयपुर, बैतूल में नागपुर-भोपाल, वरूद-बैतूल, सिवनी में नागपुर-जबलपुर, पांढुर्ना में नागपुर-छिंदवाड़ा, बालाघाट में बैहर-बालाघाट गडई, गोंदिया-बालाघाट, तुमसर-कटंगी, डिंडोरी में डिंडोरी-कवर्धा, डिंडोरी-पेंड्रा, मंडला में मंडला-कवर्धा, सागर में झांसी-सागर, मालथौन, छतरपुर में कानपुर-छतरपुर, नयागांव-झांसी, छतरपुर-महोबा, निवाड़ी में निवाड़ी-झांसी, रीवा में मिर्जापुर-रीवा, रीवा-इलाहाबाद, सिंगरौली में सिंगरौली-मिर्जापुर, सतना में सतना-चित्रकूट, अनूपपुर में शहडोल-अंबिकापुर और अनूपपुर-पेंड्रा रोड आदि। 

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