सेना पर गलत प्रतिक्रिया देना ठीक नहीं...
राजनीति में जातिवाद बंद हो जाए, तो अच्छे लोग चुनकर आयेगे : कौशिक महाराज
ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय कथा प्रवक्ता कौशिक महाराज ने कहा है कि इंटरकास्ट मैरिज समाज के लिए घातक है। सबसे ज्यादा अंतर्राजीय विवाह ब्राह्मण और क्षत्रिय वर्ण में हो रहे हैं, जिससे इनकी संख्या घटती जा रही है। इससे समाज का ताना बाना बिगड़ेगा। हर वर्ण के युवाओं को अपने ही समाज में विवाह करना चाहिए। वह मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। मध्यप्रदेश के भाजपा नेताओं द्वारा सेना एवं उसके अफसरों पर की जा रही अर्नगल बयानबाजी को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को जनता ही तो चुनती है। जनता जिस दिन अपनी जाति और रिश्तेदारों को वोट करना बंद कर देगी, अच्छे और जिम्मेदार लोग चुनकर आने लगेंगे । उन्होंने कहा कि जातिवाद समाज के लिए घातक होता जा रहा है ।
यह पूछने पर कि देश में जितनी कथाएं बढ़ रही हैं, उतना ही अनाचर बढ़ता जा रहा है ? इस पर उन्होंने कहा कि कथाओं का उद्देश्य समाज में सकारात्मक बदलाव लाना है। कोरोना के बाद से कथाओं का क्रम बढ़ा है। ऐसा लगता है ये कलयुग नहीं कथायुग है, जो इस बात का प्रमाण है कि भारत में आस्था जिंदा है। उन्होंने माता-पिता के आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को राष्ट्रप्रेमी बनाएं। देशवासियों का कर्तव्य है कि हर व्यक्ति राष्ट्र की संपत्ति को अपनी संपत्ति समझे, लेकिन यह दुर्भाग्य है कि स्कूल तो बड़े-बड़े बन रहे हैं, लेकिन उनमें बच्चों को संस्कार नहीं दिए जा रहे हैं। फिर भी इस बात का संतोष है कि दुनिया में सबसे ज्यादा आध्यात्मिक ऊर्जा भारत के पास है। हर दिन 90 हजार की ऑक्सीजन देता है एक पेड़ उन्होंने प्रकृति रक्षा का आह्वान करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की खुशनसीबी है कि वह प्राकृतिक रूप से समृद्ध है। पेड़ों के नीचे बैठने से महामारी नहीं आती है। 1 पेड़ 90 हजार की ऑक्सीजन देता है। पेड़ के नीचे बैठने से बीमारी नहीं होती है।
गौवंश को दुर्दशा से बचाएं.... उन्होंने कहा कि मेरा यह सौभाग्य है कि मैं गौवंश की सेवा के लिए ही धरती पर पैदा हुआ हैं। हमारे वृन्दावन में स्थित गौतीर्थ तुलसी तपोवन गौशाला में 20 हजार गायों का पालन पोषण हो रहा है, जिसे एक लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य गौसेवकों के सहयोग से हम जल्द पूरा करेंगे। गौवंश की रक्षा के लिए प्रदेश की जनता को आगे आना चाहिए। गौशालाओं के लिए सरकार पैसा तो देती है, लेकिन काम नहीं होता है। बाबाओं द्वारा पर्ची निकालकर भविष्य बताने के जबाव में उन्होंने कहा कि यह कोई नई बात नहीं हैं। रामायाण बाद में घटित हुई, लेकिन भगवान बाल्मीकि ने पूर्व में ही रामायाण की रचना कर दी। इसी तरह कृष्णावतार बाद मेें हुआ, लेकिन गर्गाचार्य ने गर्ग संहिता में घटनाक्रम पहले ही लिख दिया।
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