G News 24 : सच्ची मानवता को प्राप्त करना है तो सहज जीवन जीना सीखो : आचार्यश्री सुबल सागर

 साधुओं का दानाओली में हुआ भव्य मंगल प्रवेश ...

सच्ची मानवता को प्राप्त करना है तो सहज जीवन जीना सीखो : आचार्यश्री सुबल सागर

ग्वालियर।  परम पूज्य आचार्य श्री 108 सुबल सागर जी महाराज ससंघ (9 पिच्छिका) का भव्य मंगल प्रवेश दिगम्बर जैन बीसपंथ चम्पाबाग बड़ा मंदिर प्रबंधक कमेटी एवं सकल जैन समाज ग्वालियर की ओर से कल 06 मई मंगलवार सुबह 7 बजे से इंदरगंज जैन मंदिर से गाजे बाजे के साथ होगा।

आचार्यश्री सुबलसागर महाराज सहित नौ साधुओं का भव्य मंगल प्रवेश इंदरगंज जैन मंदिर से  प्रारंभ होकर पुराना हाईकोर्ट रोड,  ऊट पुल, पाटकर चौराहे, गस्त का ताजिया, नई सड़क से होते हुए  दाना ओली स्थित चंपाबाग जैन मंदिर पंहुचा । मंगल प्रवेश में महिला केशरिया साड़ी और पुरुष व्हाइट परिधानों में सम्मिलित हुए । आचार्यश्री सुबल सागर महाराज ससंघ का भव्य स्वागत अभिनंदन जैन समाज के लोग जगह जगह पद प्रक्षालन कर आरती उतरकर आशीर्वाद लिया। मंगल प्रवेश शोभायात्रा चंपाबाग जैन मंदिर पहुंचने पर आचार्यश्री ससंघ भगवान जिनेन्द्र के दर्शन करने के साथ उनके मंगल आशीष वचन के रूप में उद्बोधन भी हुआ ।

आचार्यश्री सुबल सागर महाराज रविवार को  डीडी नगर दिगंबर जैन मंदिर पहुंचे

आचार्य श्री सुबल सागर महाराज ने आज रविवार को डीडी नगर स्थित दिगंबर जैन मंदिर में भिण्ड से पद विहार कर पहुंचने पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सहजता मानव जीवन की पहचान है। माया छल कपट में मानवता का अंश भी नहीं होता। सच्ची मानवता को प्राप्त करना है तो सहज जीवन जीना सीखो। सहजता का जीवन जीना व्यक्ति के लिए एक बड़ी तप साधना है।

आचार्यश्री ने कहा कि हीन भावना शून्य हुए बिना, इच्छा निरोध के बिना सहज जीवन नहीं जिया जा सकता है। सहज जीवन जीने के लिए व्यक्ति के अंदर आर्जव मार्दव धर्म की आवश्यकता है। अहंकारी और मायावी दोनों ही सरलता व सहजता से जीवन नहीं जी पायेंगे। माया जीवन शैली अपनाने के लिए मान, अहंकार, मायाचारी का त्याग होना चाहिए।सहजता एक अमूल्य साधना है। साधक धीरे-धीरे उस साधना में उत्तीर्णता को प्राप्त करता है। सहज जीवन का आनन्द तो भव्य जीव ले लेता है उसके सामने संपूर्ण माया तृण वत देखने में आती है। सहज जीवन जीने से सत्य बोध सहज में ही हो जाता है। सहज व्यक्ति सभी का प्रिय होता है।

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