15 जून से शुरू हो रहे सत्र में ऑनलाइन अटेंडेंस की तैयारी...
सरकारी स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों पर लगेगा प्रतिबंध !
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों से गायब रहने वाले शिक्षकों की अब खैर नहीं है। दरअसल शिक्षा विभाग इस वर्ष प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में काम करने वाले शिक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस शुरू करने की तैयारी कर रहा है। लगातार आरोप लग रहे थे कि करीब 20 हजार शिक्षक स्कूलों में नहीं जाते। खुद स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने इस बात को स्वीकार किया था कि उनके ही जिले की कई शिक्षक सालों से स्कूल नहीं जाते हैं। ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग ने इस वर्ष ऐसे शिक्षकों पर प्रतिबंध लगाने के लिए 15 जून से शुरू हो रहे सत्र में ऑनलाइन अटेंडेंस के लिए नया पोर्टल तैयार कर रहा है। विभाग के अधिकारियों का दावा है कि 15 जून से यह पोर्टल काम करने लगेगा।
हालांकि शिक्षकों का इसमें विरोध भी है उनका कहना है कि विभाग द्वारा अलग-अलग जगह ड्यूटी लगाई जाती है उस दौरान शिक्षक स्कूल में नहीं पहुंच पाते ऐसे में उनके अटेंडेंस कैसे लग पाएगी। लोक शिक्षण संचालनालय की कमिश्नर शिल्या गुप्ता ने बताया कि हमारी तैयारी लगभग पूरी हो गई है। 15 जून से शुरू हो रहे सत्र में स्कूलों में शिक्षको की ई-अटेंडेंस शुरू की जाएगी। जब यह तैयारी शुरू हुई थी तो कहा गया था कि पहले से संचालित एम शिक्षा मित्र पर टीचरों की ऑनलाइन अटेंडेंस लगाई जाएगी। अब विभाग ने निर्णय बदला है।
विद्यालयों के समस्त रिकार्ड को संग्रहित करने के लिए विभाग ने जिस नवीन 3.0 पोर्टल को लांच किया है। उसी के माध्यम से शिक्षकों की ई-अटेंडेंस लगवाई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए एक्सपर्ट की टीम काम कर रही है। यह काम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन इसे समय सीमा में कर लिया जाएगा। हलाकि शिक्षक संगठनों का कहना है कि विभाग आए दिन शिक्षको को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाता है। अब जब शिक्षक दूसरे काम करेगा तो वह कैसे समय पर स्कूलों में पहुंच पाएगा। दूरस्थ ग्रामीण अंचलों में अनेक ऐसे क्षेत्र है, जहां इंटरनेट की दिक्कत है। विभाग को इन समस्याओं का समाधान पहले करना होगा।
विभाग की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश भर में 20 हजार पिछले कई सालों से स्कूलों में नहीं पहुंच पहुंचे हैं। ये शिक्षक दूसरे काम में लगे हैं जैसे मतदाता सूची में कार्य के नाम पर अनेक शिक्षक, कलेक्टर, जिला पंचायतों और तहसील कार्यालयों में पिछले पांच साल से बाबूगिरी कर रहे है। बड़ी संख्या में शिक्षक राज्य शिक्षा केन्द्र, लोक शिक्षण संचालनालय, जिला शि अधिकारी, डीपीस एवं बीआरसीसी जैसे कार्यों में अटैच होकर सेवाएं दे रहे है। कई शिक्षक सांसदों, मंत्रियों एवं विधायकों के इधर काम कर रहे है। यह शिक्षक कक्षाओं से दूर है। ऐसे शिक्षकों की स्कूल स्पॉट पर ऑनलाइन अटेंडेंस नही लगी तो इनका वेतन नहीं बनेगा।
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