सीजफायर का देश के राजनीतिक दलों ने किया है स्वागत ...
सीजफायर के बाद अखिलेश,उमर और फारूक अब्दुल्ला समेत कई नेताओं का आया बयान !
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर के भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुई युद्ध जैसी स्थिति पर अब लगाम लग गया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति बनाई है। भारत ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों के खिलाफ लगातार दृढ़ और अडिग रुख अपनाया है। वह ऐसा करना जारी रखेगा। युद्ध विराम तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। इस बीच राजनीतिक दलों की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं। आइए जानते हैं किसने क्या कहा।
सीजफायर पर बीजेपी ने क्या कहा...
जम्मू-कश्मीर के सीनियर भाजपा नेता रविंदर रैना ने कहा कि भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हर नापाक हरकत की कीमत चुकाने पर मजबूर किया है। भारत ने पहलगाम में पाकिस्तान की गुस्ताखी का जवाब दिया है। पाकिस्तान घुटनों के बल पर आ गया है। पूरी दुनिया पीएम मोदी को सलाम करती है... पाकिस्तान भाग्यशाली है कि युद्ध विराम की घोषणा की गई है। अन्यथा, वह दुनिया के नक्शे से मिट जाता और धूल में मिल जाता। वहीं, भाजपा सांसद गुलाम अली खटाना ने कहा कि हमें पहलगाम आतंकी हमले का न्याय मिला है। हम अपने पड़ोसियों के साथ युद्ध नहीं चाहते थे, लेकिन हम अपने निर्दोष लोगों की हत्या भी नहीं चाहते थे।
वहीं, बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जिस तरह भारत की सेना ने अपने शौर्य, पराक्रम का परिचय दिया... प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत सरकार जो निर्णय लेगी, सब सही लेगी। ये भारतीय पक्ष की जीत भी है... जिस प्रकार सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक हुई थी, इस बार भारत ने तकनीकी रूप से जो कार्रवाई की है, मैं प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देना चाहूंगा।
अखिलेश यादव बोले- शांति सर्वोपरि है और सम्प्रभुता भी...
समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीजफायर का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि शांति सर्वोपरि है और सम्प्रभुता भी!। वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा कि मैं दोनों पक्षों को बधाई देता हूं, क्योंकि युद्ध के परिणामस्वरूप अंततः जान-माल का नुकसान होता है और विनाश होता है। हालांकि, पाकिस्तान को यह भी समझना चाहिए कि वे अपने क्षेत्र से आतंकवादियों को नियंत्रण रेखा पार करने और निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने की अनुमति नहीं दे सकते।
सीजफायर पर उमर अब्दुल्ला का बयान...
भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम समझौते पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, "मैं संघर्ष विराम का स्वागत करता हूं। अगर यह 2-3 दिन पहले हुआ होता, तो हमारी जो जानें गईं, वो नहीं जातीं। पाकिस्तान के डीजीएमओ ने हमारे डीजीएमओ को बुलाया और संघर्ष विराम लागू हुआ। मौजूदा जम्मू-कश्मीर सरकार की जिम्मेदारी है कि जहां भी नुकसान हुआ है, उसका आकलन करें और लोगों को राहत पहुंचाना शुरू करें। जहां भी लोग घायल हुए हैं, उन्हें उचित इलाज मिले और सरकारी योजना के तहत राहत भी मिले। डीसी को निर्देश दिए गए हैं कि वे तुरंत नुकसान का अंतिम आकलन करें और उस आकलन को हमें भेजें ताकि हम इन घरों में राहत पहुंचाना शुरू कर सकें। साथ ही, हमारा एयरपोर्ट कई दिनों से बंद है, हमें उम्मीद है कि संघर्ष विराम के बाद एयरपोर्ट फिर से खुल जाएगा।
महबूबा मुफ्ती ने कही ये बात...
वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि मुझे लगता है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लंबे समय के बाद राहत की सांस ली होगी क्योंकि जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता है, तो वे सबसे पहले प्रभावित होते हैं। डोनाल्ड ट्रम्प का हस्तक्षेप बहुत अच्छा है। हालांकि, हमें किसी अन्य देश के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। मुझे लगता है कि भारत को अब एक बड़े भाई की भूमिका निभानी चाहिए। हम आतंकवाद को स्वीकार नहीं करते हैं, लेकिन हमें युद्ध में जाने से बचना चाहिए। सैन्य समाधान कोई समाधान नहीं है।
कांग्रेस का भी सामने आया बयान...
भारत-पाकिस्तान युद्ध विराम समझौते पर कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि मैं युद्ध विराम का स्वागत करता हूं...आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि मुझे लगता है कि शांति आवश्यक है। मैं बहुत खुश हूं। भारत कभी भी दीर्घकालिक युद्ध नहीं चाहता था, लेकिन भारत आतंकवादियों को सबक सिखाना चाहता था, मेरा मानना है कि सबक सिखाया गया है।
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कही ये बात...
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कि मेरा स्पष्ट मानना है कि हिंदुस्तान कभी युद्ध में नहीं घुसा, हम पर युद्ध थोपा गया लेकिन जब लड़े तो बहादुरी से लड़े। सेना के शौर्य और पराक्रम को सलाम... मैं सिर्फ इतना कहूंगा कि जंग नहीं चाहते ठीक है लेकिन संदेश गया या नहीं? क्योंकि हमें आगे अपने नागरिकों की जान नहीं गंवानी... पूरा देश एकजुट है, संसद का एक विशेष सत्र बुलाया जाए, सेना के पराक्रम, शौर्य की चर्चा के साथ एक साझा संदेश न सिर्फ पड़ोसी मुल्क बल्कि पूरी दुनिया को दिया जाए।
क्या बोले फारूक अब्दुल्ला...
पार्टी हेडक्वार्टर नवा-ए-सुबह से जारी एक बयान में फारूक अब्दुल्ला ने युद्ध विराम के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया और इस बात को स्वीकार किया कि मौजूदा स्थिति ने क्षेत्र में लोगों और उनकी संपत्ति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा, "एलओसी और आईबी के साथ हमारे लोगों ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच बिगड़ते हालात का खामियाजा उठाया है। यह उपाय हमारे लोगों की पीड़ा को काफी हद तक कम करेगा जो गोलीबारी में फंस गए हैं।
'विश्वास की कमी पाटने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है'
अब्दुल्ला ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी पार्टी ने हमेशा भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी दोस्ती की वकालत की है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वास की कमी को पाटने की प्राथमिक जिम्मेदारी पाकिस्तान की है, जिसे सीमा पार आतंकवाद के बारे में भारत की वास्तविक चिंताओं को दूर करना चाहिए।
12 मई को फिर बात करेंगे भारत-पाक
बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने का फैसला सीधे दोनों देशों के बीच हुआ है। भारत-पाकिस्तान ने मिलकर संघर्ष विराम का फैसला लिया है। अब 12 मई को दोनों देश एक फिर से इस मुद्दे पर बात करेंगे।
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