G News 24 : जातीय,क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन की सियासत,भाजपा की मजबूरी,लाभ विजय शाह को मिल रहा !

 भाजपा विजय शाह पर इसलिए मेहरबान है...

 जातीय,क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन की  सियासत,भाजपा की मजबूरी,लाभ विजय शाह को मिल रहा ! 

भोपाल। मप्र सरकार के मंत्री विजय शाह के प्रकरण से समझा जा सकता है कि जातीय, क्षेत्रीय और सामाजिक संतुलन सियासत की मजबूरी कैसे बन चुके हैं, सेना के पराक्रम पर विवादित टिप्पणी करने के बाद भी भाजपा उन पर कार्रवाई करने में दो कदम आगे चार कदम पीछे की स्थिति में है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश की आड़ में मोहन सरकार इस मामले में अपना बचाव कर रही है और अपनी तरफ से कार्रवाई का श्रेय भी ले रही है। यह स्थिति पार्टी में आदिवासी चेहरों की कमी के चलते बन गई है।

प्रदेश की राजनीति में आदिवासी चेहरों का अभाव नई बात नहीं है। भाजपा और कांग्रेस दोनों इससे जूझ रही है। ऐसे में किसी भी मामले को लेकर आदिवासी नेताओं पर सीधी कार्रवाई से दोनों पार्टियों अब तक बचती रही हैं। विधानसभा से लेकर लोकसभा और स्थानीय निकाय के चुनावों में भी आदिवासी वर्ग ही है, जिसके रुख को लेकर दोनों पार्टियों में बेचैनी परिणाम आने तक बनी रहती है।

आदिवासी वर्ग को अपने पाले में करने के लिए भाजपा सरकार ने विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, वहीं कांग्रेस अपनी पुरानी सरकार के कामों को गिनाने में कभी पीछे नहीं रहती। भाजपा में आदिवासी नेतृत्व का पहले से ही अभाव रहा है। छत्तीसगढ़ के अलग होने के बाद नंद कुमार साय जैसे चेहरे भी नहीं बचे। यही वजह है कि भाजपा दिलीप सिंह भूरिया को कांग्रेस से निकाल कर अपने पाले में लाई थी।

भूरिया को भाजपा के टिकट पर लोकसभा का चुनाव भी लड़ाया, लेकिन उनके निधन के बाद से फिर बड़े आदिवासी चेहरे की कमी भाजपा में खलती रही है। अभी भी उनकी बेटी निर्मला भूरिया भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। महाकोशल में जरूर फग्गन सिंह कुलस्ते के अलावा ज्ञान सिंह और ओमप्रकाश धुर्वे जैसे कई चेहरे भाजपा में हैं। फिर भी पार्टी ने कांग्रेस के बिसाहू लाल सिंह को पिछली शिवराज सरकार में मंत्री बनाया था।

बिसाहू कोल आदिवासी समाज से आते हैं। मालवांचल में रंजना बघेल में भी काफी संभावनाएं थीं। 1990 में सुंदर लाल पटवा की भाजपा सरकार में रंजना बघेल को संसदीय सचिव बनाया गया था। बाद में उन्हें दो बार मंत्री बनाया गया, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वह हाशिए पर हैं। छिंदवाड़ा में पार्टी ने कांग्रेस के कमलेश शाह को लाकर विधानसभा का चुनाव जिताया।

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