गेल और निगम के बीच होगा समझौता,जल्द लगेगा सौर ऊर्जा संयंत्र...
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में आदर्श गौशाला के बायो-सीएनजी मॉडल की हुई सराहना !
ग्वालियर। हरित और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में ग्वालियर की आदर्श गौशाला, लालटिपारा द्वारा किए जा रहे अभिनव प्रयासों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर विशेष मान्यता मिली है। नई दिल्ली में आयोजित इंडिया बायो एनर्जी और टैक एक्सपो 2025 के द्वितीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में गौशाला के बायो सीएनजी प्लांट को "हरित ऊर्जा मॉडल" के रूप में सराहा गया। इस सम्मेलन में श्रीकृष्णायन संत श्री ऋषभ देवानंद जी को विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया।
सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, केंद्रीय मंत्री भागवत कराड तथा आई.ओ .सी.एल व गैल जैसी अग्रणी कंपनियों के विशेषज्ञों ने बायो-सीएनजी तकनीक की उपयोगिता, प्रक्रिया एवं भविष्य की संभावनाओं पर अपने विचार साझा किए।
संत ऋषभ देवानंद जी ने अपने संबोधन में कहा,
“गौ माता का संरक्षण ही भारत के हरित भविष्य का आधार है। यह परियोजना आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ठोस और सकारात्मक पहल है।”
परियोजना का यह कदम की निरंतरता, दक्ष संचालन और जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है :निगमायुक्त
ग्वालियर नगर निगमायुक्त श्री संघ प्रिय जी ने आदर्श गौशाला का भ्रमण किया। उन्होंने गैल के साथ बायो- सीएनजी गैस आपूर्ति हेतु समझौता करने के निर्देश दिए, साथ ही सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना और खाद एजेंसी के चयन के लिए त्वरित कार्रवाई करने को कहा। उनका यह कदम परियोजना की निरंतरता, दक्ष संचालन और जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
मुख्य बिंदु
₹31 करोड़ की लागत से स्थापित 100 टी पी डी क्षमता का बायो सीएनजी प्लांट मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा गोबर आधारित ऊर्जा प्लांट है।
- गैल के साथ गैस आपूर्ति हेतु समझौता प्रक्रिया प्रगति पर।
- सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के निर्देश।
- प्लांट से उत्पादित जैविक खाद के वितरण के लिए एजेंसी चयन शीघ्र किया जाएगा।
इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत सहित विभिन्न देशों से आए पर्यावरणविदों, वैज्ञानिकों, नीति-निर्माताओं व औद्योगिक प्रतिनिधियों ने ग्वालियर मॉडल की खुले दिल से प्रशंसा की और इसे हरित भारत की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बताया।
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