G.NEWS 24 : जब सीएम ने भोपाल जाने के लिए पिता से मांगे पैसे !

जिम्मेदारियां कितनी भी बढ़ जाएं, लेकिन हर इंसान की एक निजता होती है...

जब सीएम ने भोपाल जाने के लिए पिता से मांगे पैसे !

पद, प्रतिष्ठा, कद, सामाजिक दायरा और जिम्मेदारियां कितनी भी बदल जाएं, बढ़ जाएं, लेकिन हर इंसान की एक निजता होती है। इस अध्याय से जुड़े कई पन्ने ऐसे भी होते भी होते हैं, जिन्हें एक स्वच्छ मन का व्यक्ति न तो बदलना चाहता है और न ही बदल पाता है। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अपने पिता पूनमचंद यादव के साथ ऐसे ही खूबसूरत रिश्ते हैं। शिक्षा, सियासत, मंत्रित्व काल से लेकर अब वर्तमान में मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस रिश्ते की मिठास ऐसे ही बनी हुई है। 

बल्कि पहले से कुछ ज्यादा निखरी दिखाई देने लगी है। इसकी बानगी शनिवार को उस समय नजर आई, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकालकर अपने पिताश्री से मिलने और उज्जैन से भोपाल जाने की इजाजत लेने पहुंचे। प्रदेश मुखिया का मुकुट किनारे रखकर मोहन ने पिता पूनमचंद से भोपाल जाने का कहते हुए उनसे पैसे मांगे। पिता ने भी स्नेहपूर्वक अपनी पैसों की पोटली निकाली और उसमें से एक नोट निकलकर मोहन के हाथों में थमा दिया। 

इस लेन-देन के बीच बाप-बेटे में हल्की फुल्की ठिठोली भी होती दिखाई पड़ी। पिता पुत्र के बीच की इस नोंक झोंक और आपसी प्रेम को देखकर साथ मौजूद सीएम मोहन के समर्थक प्रफुल्लित भी हुए और इस जगह से एक सबक लेकर उठे कि कोई व्यक्ति पद, कद, प्रतिष्ठा में कितना भी ऊंचा उठ जाए, लेकिन वह अपने पिता से न ऊंचा हो सकता और न उनसे आगे निकल सकता। इस दौरान मौजूद कुछ लोगों ने इन खूबसूरत लम्हों को अपने मोबाइल कैमरे में कैद भी कर लिया। इन्हीं में शामिल उज्जैन जिला भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष और मप्र वक्फ बोर्ड के मेंबर फैजान खान भी इन लम्हों के गवाह बने और इन पलों को कैद किया हुआ वीडियो हमें उपलब्ध कराया।

डॉ. मोहन यादव उज्जैन के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। परिवार के पुश्तैनी कामों में वे अपने पिता पूनमचंद यादव का हाथ बंटाते रहे हैं। सिलसिला उनके पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष, विधायक और फिर मंत्री बनने तक भी जारी रहा। प्रदेश का मुखिया बनने के बाद पहली बार अपने शहर उज्जैन पहुंचने पर भी उन्होंने अपनी इस क्रिया को दोहराया था, जिनकी तस्वीरें मीडिया में खूब प्रचारित और प्रसारित हुईं थीं।

उज्जैन में दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट और विक्रमादित्य व्यापार मेले के आयोजन के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन पहुंचे थे। लगातार कार्यक्रमों, बैठकों, मुलाकातों के बीच समय निकालकर वे अपने पिता से मिलने पहुंचे थे। गोरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी माता के साथ इसी तरह का स्नेह भरा व्यवहार भी हमेशा सुर्खियों में बना रहा है।

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