इकोनामिक कॉरिडोर का कर रहे विरोध...
बड़ी संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर दी सरकार गिराने की चेतावनी !
इंदौर में बड़ी संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर सरकार गिराने की चेतावनी दी है। किसान इंदौर से पीथमपुर के बीच बन रहे इकोनामिक कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं। इस कॉरिडोर के लिए इंदौर के आसपास के कई गांव के किसानों की जमीन सरकार अधिग्रहित कर रही है। किसानों का कहना है कि जो मुआवजा राशि दी जा रही है वह जमीनों की कीमत से आधे से भी कम है। ट्रैक्टर रैली को रोकने के लिए प्रशासन ने बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया है। पहले रैली का रूट कलेक्टर कार्यालय तक जाने वाला था लेकिन इसे बाद में बदल दिया गया। इसे राजेन्द्र नगर चौराहे से पहले ही रोक दिया गया। किसानों की मांग है कि हम 16 गांव के किसान इस योजना के पूर्णत: विरोध में हैं।
इसमें हमारा विरोध हैं क्योंकि इन 16 गांवों की जमीन पहले ही एयरपोर्ट, कैट, डायमण्ड पार्क, एस.टी.आई. पीथमपुर रोड, रेलवे नहर आदि में ली जा चुकी है। बची हुई जमीन भी सरकार स्कीम लगाकर उद्योगपतियों को देना चाहती है। हम सभी पीड़ित किसान इस योजना से सहमत नहीं हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कई बार घोषणा की है कि बिना किसान की सहमति के किसी भी योजना में जमीन नहीं ली जाएगी। विगत 15 वर्षों से इन सभी गांवों की गाइडलाइन नहीं बढ़ाई गई है उसे सरकारी मानकों के हिसाब से बढ़ाया जाए व इस योजना का निरस्तीकरण किया जाए तथा निरस्तीकरण का नोटिफिकेशन जारी किया जाए और इन गांवों में जो TnC पर रोक लगाई गई है उसे हटाया जाए। रैली को राऊ से आईटी पार्क तक आना था लेकिन पुलिस ने आईपीएस कॉलेज के सामने रेती मंडी चौराहे पर ही रैली को रुकवा दिया। यहां विवाद की स्थिति बन गई। बाद में पुलिस की बात मानते हुए कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने रैली को यहीं खत्म कर दिया। यहां संबंधित अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा। पूर्व मंत्री और राऊ विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारी आए तो हमने अपना ज्ञापन उन्हें सौंप दिया।
हमारा काम पूरा हो गया, क्योंकि हम देश के प्रशासन का सम्मान करते हैं। हमें जहां भी रोका गया हमने वहां पर हमने अपनी बात कही। हमें बस यही संदेश देना था कि किसानों की जमीन का अधिग्रहण जबरदस्ती नहीं किया जाएगा। रैली पूरी तरह से सफल रही और हमने सरकार को यह संदेश दे दिया। सिंहासा गांव के किसान संदीप पटेल ने अमर उजाला से बातचीत में बताया कि उनका पूरा परिवार खेती पर ही निर्भर है। उन्होंने कहा कि उनके खेत की जमीन का वर्तमान भाव तीन करोड़ रुपए बीघा है। सरकार एक करोड़ रुपए बीघा का मुआवजा दे रही है जिसमें रुपए की राशि दस से 20 लाख रहेगी बाकि डवलप जमीन के रूप में देगी। संदीप का कहना है कि कोई भी किसान इस राशि पर जमीन बेचने की सहमति नहीं दे सकता।
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