ग्वालियर चंबल में सामने आया शिक्षक भर्ती दिव्यांग सार्टिफिकेट स्कैम !
66 शिक्षकों के दिव्यांग सार्टिफिकेट निकले फर्जी...
प्रदेश के ग्वालियर में शिक्षक भर्ती विकलांग सर्टिफिकेट स्कैम सामने आया है आपको बता दें की साल 2018 में हुई परीक्षा में ग्वालियर चंबल के 184 युवा दिव्यांग सर्टिफिकेट से मिले फायदे के बाद शिक्षक बने थे पर अब इन 184 शिक्षकों के दिव्यांग सर्टिफिकेट की जांच कराने पर 66 शिक्षक प्रमाण पत्र में फर्जी पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग की जांच में यह सामने आया है कि प्रमाण पत्र पर लगी सील और हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो रहा है इन 66 शिक्षकों में से 50% से भी ज्यादा बहरापन होने का दिव्यांग सर्टिफिकेट बनाकर बैठे थे।
शुक्रवार को ग्वालियर के मुरार थाना में 66 शिक्षक पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। इन सभी शिक्षकों को तीन-चार महीने पहले ही जॉइनिंग मिली है। बता दें कि 2018 में शासन ने शिक्षक भर्ती निकली थी। इसमें दिव्यांग कोटे का फायदा लेकर काफी संख्या में दिव्यांग चयनित हुए थे।
इसको लेकर विवाद शुरू हुआ ग्वालियर चंबल अंचल के मुरैना में एक दो फर्जी दिव्यंगता प्रमाण पत्र के मामले सामने आए थे। इसके बाद लोक शिक्षण संचानालय ने प्रमाण पत्र की जांच कराने का फैसला लिया था। ग्वालियर चंबल अंचल के 184 दिव्यांग पत्रों की जानकारी ग्वालियर भेजी गई जिसमें ग्वालियर के 84 और 99 प्रमाण पत्र अंचल के थे इसके बाद शिक्षा विभाग ने इन प्रमाण पत्र की जांच के लिए ग्वालियर कलेक्टर के जरिए जिला अस्पताल से चेक कराए गए यहां जब दिव्यांग प्रमाण पत्र की जांच की गई तो स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट दी थी कि 66 प्रमाण पत्र का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
इन पर जो साइन और सील लगे हुए हैं उनका भी मिलान नहीं हो रहा है। इसके बाद शिक्षा विभाग मुरार ऑफिस से कनिष्ठ लेखा परीक्षक प्रदीप बाजपेई ने एक लिखित आवेदन ग्वालियर के मुरार थाना में दिया उस पर जांच करने के बाद 66 शिक्षकों पर फर्जी प्रमाण पत्र का उपयोग कर शिक्षक भर्ती परीक्षा में नियुक्ति लेने पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।
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