अगर इसकी सही तरीके से जांच करा दी जाए तो साबित हो सकता है...
अमृत योजना के नाम पर किया गया अब तक का सबसे बड़ा घोटाला !
अमृत योजना के अंतर्गत जितनी भी लाइन डाली गई है चाहे फिर वो मेन लाइन हो या सर्विस लाइन थी नहीं छोटी-छोटी 6 इंची वाली पाइप लाइन में भी जैसे ही पानी छोड़ा जाता है प्रेशर के साथ, ये लाइने बूम कर के ब्लास्ट हो जाती है और बेशकीमती पानी यूं ही सड़क पर बर्बाद हो जाता है।
ऐसा ही एक नजारा आज सुबह लक्ष्मण तलैया हनुमान घाटी पर देखने को उस समय मिला जब टेस्टिंग के तौर पर इस लाइन से मैं लाइन से पानी छोड़ा गया और पानी छोड़ते ही लाइन पता नहीं कितनी जगह से सड़क के नीचे से फट गई इसकी वजह से अभी हाल ही में काफी इंतजार के बाद, करोड़ों रुपया बर्बाद होने के बाद, सड़क का निर्माण हुआ था वह सड़क भी निसंदेह खराब हो गई।
क्योंकि अब जब लाइन सुधारी जाएगी तो सड़क को भी खोजा जाएगा। इतना ही नहीं जब लाइन फटी तो सड़क के नीचे से बबल बनकर बाहर आने लगे और सड़क के दशक ने का अंदेशा भी होने लगा। जनता का पैसा किस प्रकार बर्बाद होता है इसका एक जीता जागता उदाहरण है ये अमृत योजना।
अदालतों में जरा जरा सी बात पर जनहित याचिका लगाई जाती है लेकिन अमृत योजना के इस महा घोटाले को लेकर कोई समाजसेवी या कोई वकील जनहित याचिका अमृत योजना को लेकर क्यों नहीं लगाता है ? या फिर अदालत स्वत संज्ञान क्यों नहीं ले रही है अमृत योजना के घोटाले को खोलने के लिए और दोषियों को सजा देने के लिए ?
ये एक गौर करने वाली बात है...
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