द कश्मीर फाइल्स का एक भी दृश्य या संवाद झूठा निकले हो तो फिल्म बनाना छोड़ दूंगा : विवेक अग्निहोत्री

देश में एक बार फिर द कश्मीर फाइल्स चर्चा में...

द कश्मीर फाइल्स का एक भी दृश्य या संवाद झूठा निकले हो तो फिल्म बनाना छोड़ दूंगा : विवेक अग्निहोत्री

मुंबई। इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड द्वारा द कश्मीर फाइल्स को प्रोपेगंडा फिल्म करार देने के बाद से देश में एक बार फिर द कश्मीर फाइल्स चर्चा में है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर इस वर्ष 350 करोड़ का कारोबार करते हुए न सिर्फ दर्शकों को अपितु सिनेमा से जुड़े व्यक्तियों को भी हैरान कर दिया था। विवाद में घिरी इस फिल्म के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने एक खुला चैलेंज दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स का एक डायलॉग या एक भी सीन झूठा निकला तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा। दरअसल इजराइली फिल्म मेकर नदाव लैपिड ने फिल्म फेस्टिवल के दौरान इस फिल्म को वल्गर और प्रोपेगेंडा फिल्म बताया था। इसके बाद से फिल्म को लेकर विवाद शुरू हो गया है। लैपिड ने यह बयान गोवा में 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के समापन समारोह में दिया। कश्मीर फाइल्स के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने फिल्म को झूठा बताने वाले लोगों पर निशाना साधा है।

उन्होंने कहा कि 700 लोगों के व्यक्तिगत साक्षात्कार के बाद यह फिल्म बनी है। क्या वे 700 लोग जिनके मां-बाप भाई-बहनों को सरेआम काट दिया गया गैंग रेप किया गया दो टुकड़ों में बांट दिया गया क्या वो सब लोग प्रोपेगैंडा और अश्लील बातें कर रहे थे? जो पूरी तरह से हिन्दू लैंड हुआ करता था आज वहां हिन्दू नहीं रहते हैं। उस भूमि पर आज भी चुन-चुनकर हिंदुओं को मारा जाता है। क्या यह प्रोपेगैंडा और अश्लील बात है? यासीन मलिक अपने जुल्मों को कबूलकर जेल में सड़ रहा है क्या यह प्रोपेगैंडा और अश्लील बात है? इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में कश्मीर फाइल्स पर कंट्रोवर्सी के बाद विवेक अग्निहोत्री ने यह वीडियो जारी किया। विवेक अग्निहोत्री ने कहा दोस्तो यह बार-बार सवाल उठता है कि कश्मीर फाइल्स एक प्रोपेगैंडा फिल्म है। मतलब वहां कभी हिंदुओं का जिनोसाइड हुआ ही नहीं। तो आज मैं इन बुद्धिजीवियों और अर्बन नक्सल को चैलेंज करता हूं।

इजराइल से आए महान फिल्ममेकर को भी चैलेंज करता हूं कि कश्मीर फाइल्स का एक डायलॉग एक शॉट या एक इवेंट कोई प्रूव कर दे कि ये पूरी तरह से सत्य नहीं है तो मैं फिल्में बनाना छोड़ दूंगा। अनुपम खेर ने भी एक वीडियो जारी किया है। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स का सच कुछ लोगों के गले में कांटे की तरह अटक गया है। वो न उसे निगल पा रहे है न उगल। इस सच को झूठा साबित करने के लिए उनकी आत्मा (जो मर चुकी है) बुरी तरह से छटपटा रही है। पर हमारी ये फिल्म अब एक आंदोलन है फिल्म नहीं। लैपिड ने कहा था कि  द कश्मीर फाइल्स फिल्म देखकर हम सभी डिस्टर्ब और हैरान थे। यह फिल्म हमें अश्लील और प्रोपेगेंडा बेस्ड लगी। इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के लिए ये फिल्म उचित नहीं है। मैं आप लोगों के साथ अपनी फीलिंग को खुले तौर पर इसीलिए शेयर कर सकता हूं क्योंकि इस समारोह की आत्मा ही यही है कि हम यहां आलोचनाओं को स्वीकार करते हैं और उस पर चर्चा करते हैं।

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