रवींद्र जड़ेगा की बहन और पत्नी के बीच हो सकती है रोचक चुनावी जंग,

 जामनगर सीट के लिए क्रिकेटर जडेजा का  सपोर्ट पत्नी या फिर बहन को !

रवींद्र जड़ेगा की बहन और पत्नी के बीच हो सकती है रोचक चुनावी जंग

अहमदाबाद । गुजरात में विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के बाद सीटों पर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया तेज हो गई है। गुजरात में सबसे रोचक मुकाबला जामनगर उत्तर सीट पर देखने को मिलेगा, जहां टीम इंडिया के खिलाड़ी रविंद्र जडेजा के परिवार के बीच सियासी जंग देखने को मिलेगी। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनकी पत्नी रिवाबा जडेजा उतर सकती हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में उनकी बहन नैना मुकाबले में आ सकती हैं। रिवाबा ने 2019 के आम चुनाव से पहले भाजपा जॉइन की थी और उसके कुछ समय बाद ही उनकी बहन नैना ने भी कांग्रेस जॉइन कर ली थी।

जामनगर में जडेजा की बहन नैना की अच्छी साख है। वह जिले की महिला कांग्रेस अध्यक्ष हैं और काफी ऐक्टिव रहती हैं। इसके अलावा रिवाबा भी भाजपा में टिकट के दावेदारों में शामिल हैं। मौजूदा विधायक धर्मेंद्र सिंह जडेजा हैं, लेकिन उनका टिकट कटने पर रिवाबा को मौका मिल सकता है। धर्मेंद्र सिंह जडेजा की जामनगर में अच्छी पकड़ है, लेकिन उनकी साख पर सवाल उठते रहे हैं। कुछ दिन पहले राज्यसभा सांसद परिमल नाथवाणी ने अपील की थी कि साफ छवि के नेताओं को मौका दिया जाए। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनका इशारा धर्मेंद्र सिंह जडेजा की ओर ही माना जा रहा है। ऐसे में यदि उनका टिकट कटता है तो रिवाबा सिलेब्रिटी की वाइफ होने के साथ ही महिला नेता के तौर पर अच्छी उम्मीदवार हो सकती हैं।

रिवाबा की जिस तरह की सक्रियता रही है, उससे साफ है कि वह चुनाव में दावेदारी करेंगी। रिवाबा राजकोट से ताल्लुक रखती हैं, उनके पिता एक बड़े उद्योगपति हैं। इसके चलते सालों से रिवाबा सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। इस बीच कांग्रेस भी भाजपा की पैंतरेबाजी पर नजर रख रही है। यदि भाजपा से रिवाबा को मौका मिलता है तो वह उनके खिलाफ नैना को उतार सकती है। नैना की भी अच्छी साख है और वह एक होटल की मालिक हैं। अगर ऐसा हुआ तो जामनगर उत्तर सीट पर सबसे रोचक मुकाबला होगा। जामनगर उत्तर सीट की राजनीतिक जंग रविंद्र जडेजा के लिए भी चुनौतीपूर्ण होगी। उनके सामने पसोपेश की स्थिति होगी की पति का धर्म निभाएं या फिर उस बहन का साथ दें, जिसने गाढ़े वक्त में उनकी बहुत मदद की है। कहा जाता है कि मां की मौत के बाद जडेजा की बहन ने ही घर की जिम्मेदारी उठाई और उन्हें क्रिकेट जारी रखने के लिए प्रेरित किया। रविंद्र जडेजा की बहन के अलावा उनके पिता अनिरुद्ध सिंह जडेजा भी कांग्रेस में ही हैं।

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