सायबर क्राइम रोकने जारी किया जायेगा हेल्पलाइन नंबर : एडीजीपी ग्वालियर
सावधानियां रोक सकती हैं घटित होने वाले अपराध
सायबर क्राइम रोकने जारी किया जायेगा हेल्पलाइन नंबर : एडीजीपी ग्वालियर
ग्वालियर पुलिस द्बारा जो 1 करोड़ 20 लाख की लूट का मात्र चार घंटे में खुलासा किया और इसके पूर्व भी हुए कई ब्लाइंड घटनाओं का जिस तत्परता से चंद घंटों में खुलासा किया है, उसके लिए हम पुलिस कप्तान श्री अमित सांघी जी को ‘जादूगर` कह सकते हैं और एडीजीपी महोदय के आने से पुलिसिया कार्यवाही में चार चांद लगे हैं। आज की इस चर्चा में हम यदि वरिष्ठ अधिकारियों द्बारा बतायी गई सावधानियों पर अमल करेंगे तो निश्चिंत ही घटना/दुर्घटनाओं से सुरक्षित रह सकेंगे।
पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने कहा कि अभी हाल ही में जो लूट की तीन घटनायें हुई हैं, उसमें एक चीज कॉमन है कि पीड़ित बैंक जा रहे थे या बैंक से लौटकर आ रहे थे। वहीं अपराधी अपना फेस कवर किये हुए थे। इन घटनाओं को ट्रेस कराने में एडीजीपी महोदय का हमें मार्गदर्शन मिला है और आगे घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगे उसके लिए भी हमें टिप्स मिले हैं। हम उन पर अमल करेंगे वहीं कुछ सावधानियां आपको एडीजीपी महोदय देंगे जिन्हें आपको फॉलो करना है। आपने कहा कि ग्वालियरवासियों ने घटना के घटित होने पर जिस तरह का संयम अपनाया और जो विश्वानस पुलिस पर किया, उसी का परिणाम है कि हम घटनाओं को तेज गति से ट्रेस कर पाये। इसके लिए सभी शहरवासियों का आभार है। आपके इस विश्वाकस से हमें ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।
एडीजीपी, ग्वालियर जोन डी. श्रीनिवास वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि वर्तमान युग में हमें डिजिटिल ट्रांजेक्शन करना चाहिए। नगद लेन-देन बहुत कम करने चाहिए। आपने कहा कि अधिकांश घटनाओं में आपके यहां कार्यरत कर्मचारी ही अपराधी या अपराध करने वाले के सहयोगी होते हैं। इसलिए अपने यहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का चाहे वह स्थायी हों या अस्थायी उनकी जानकारी पुलिस की आई.टी. सेल में जरूर दें। यदि चेम्बर ऑफ कॉमर्स के माध्यम से वह फार्म हमें प्राप्त होंगे तो हम उनका सत्यापन 48 घंटे में हो ऐसा सुनिश्चिित करेंगे। इसके साथ ही आपने कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी व्यापारियों को दिये, जिनसे वह अपराधिक घटनाओं से अपना बचाव कर सकते हैं।
साइबर क्राइम की सूचना देने के लिए आपने शीघ्र ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी करने का आश्वासन दिया ताकि साइबर क्राइम होने के एक घंटे के अंदर वारदात पर कार्यवाही संभव हो सके। परिचर्चा का संचालन कर रहे मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल ने कहा कि किरायेदार/नौकरों की सूचना देने वाला फार्म चेम्बर सचिवालय में उपलब्ध रहेगा और व्यापारी यहां से फार्म प्राप्त कर एवं उसे भरकर चेम्बर सचिवालय में ही दें। हम सामूहिक रूप से सभी फार्म चेम्बर के पत्र के साथ उन्हें आई.टी. सेल में प्रेषित करेंगे।
परिचर्चा में कार्यकारिणी समिति सदस्य-मनोहर लाल अरोरा ने सभी थानों में ‘मे आय हेल्प यू` डेस्क प्रारंभ करने का सुझाव दिया। कार्यकारिणी समिति सदस्य-श्री महेश मुदगल द्बारा पुलिस का रवैया आमजन के साथ बेहतर किये जाने का सुझाव दिया। कार्यकारिणी समिति सदस्य उमेश कुमार उप्पल द्बारा अपराधिक मानसिकता पर अंकुश लगाने हेतु काउंसिलिंग किये जाने का सुझाव दिया।
कार्यकारिणी समिति सदस्य राजेश बांदिल ‘मनीष` ने दाल बाजार में रात्रि के समय चाय ठेलों पर लगने वाली भीड़ को नियंत्रित करने एवं जुए के फड़ों पर कार्यवाही किए जाने की बात कही। कार्यकारिणी समिति सदस्य दीपक श्रीचंद जैस्वानी द्बारा व्यापारिक प्रतिष्ठानों को अपने नजदीक बैंक में खाता खुलवाने एवं एसोसिएशन के सहयोग से प्रतिष्ठानों पर सीसीटीव्ही कैमरे लगाने जाने का सुझाव दिया। कार्यकारिणी समिति सदस्य अंकुर अग्रवाल द्बारा महिला अपराधियों द्बारा वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को ब्लैकमेल करने के अपराध पर भी ठोस कार्यवाही की मांग की। कार्यकारिणी समिति सदस्य गौरव जैन द्बारा किरायेदारों/नौकरों का सत्यापन सायबर कैफे के माध्यम से ऑनलाइन कराने व डिप्रेस्ड लोगों के लिए काम करने का सुझाव दिया। दुष्यंत साहनी द्बारा सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर कैमरे लगाये जाने की बात कही। अंजलि बत्रा द्बारा भविष्य में अपराध न होने इसके लिए जेलों में कैदियों के लिए “जीवन एक वरदान है” तथा “और भी हैं राहें” जैसे जागरूकता कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया।
आशीष अग्रवाल द्बारा सायबर क्राइम होने के प्रथम घंटे में क्या महत्वपूर्ण कदम पीड़ित को उठाना चाहिए इस पर प्रशिक्षण दिये जाने की बात कही। संजय अग्रवाल द्बारा फेस कवर करके घूमने को प्रतिबंधित करने व बाजारों में पुलिस गश्ती दल बढाये जाने का सुझाव दिया। इसके साथ ही दिलीप पंजवानी, नरेन्द्र मंगल, संजय अग्रवाल आदि के द्बारा भी अपने विचार व्यक्त किये गये। मानसेवी सचिव डॉ. प्रवीण अग्रवाल द्बारा ‘अभिनंदन प्रस्ताव` का वाचन कर, पदाधिकारियों द्बारा वरिष्ठ अधिकारियों को सौंपा गया। कार्यक्रम के अंत में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियेों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए l
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