पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश से तिघरा हुआ लबालव

 देर रात 12.30 बजे खोले गये तिघरा के गेट...

पिछले 3 दिनों से हो रही बारिश से तिघरा हुआ लबालव

ग्वालियर l पूरे वर्षा के मौसम में ऐसी बरसात नहीं है लेकिन ग्वालियर का ट्रेंड है कि सितम्बर के अंतिम सप्ताह और अक्टूबर के पहले सप्ताह के बीच ही बरसात होती है। पिछले 3 दिनों से बारिश हो रही है। बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवातीय घेरे में ग्वालियर-चम्बल संभाग में वर्षा हो रही है। शनिवार को लगा कि मौसम खुल जायेगा। लेकिन दोपहर के रिमझिम वर्षा शुरू हो गयी जो कि रात तक तेज वर्षा में बदल गयी। 3 दिन से हो रही वर्षा से ग्वालियर की लाइफ लाइन कहे जाने वाले तिघरा डैम का जलस्तर बढ़कर 738 फीट पर पहुंच गया है। जिसके बाद तिघरा के आसपास अलर्ट जारी कर दिया गया जो थोड़ी ही देर में व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। शनिवार-रविवार की दरमियानी रात 12.30 बजे तिघरा डैम के गेट नम्बर 3 खोल दिया गया है। 2 वर्षो के बाद यह पहला मौका है। जब तिघरा के गेट खोले गये । कलेक्टर, कमिश्नर नगरनिगम रात को तिघरा पहुंचे है। 3 बार सायरन बजाने के बाद गेट खोल दिये गये हैं।

रात तक हो रही झमाझम बारिश से शहर की कॉलोनी, सड़कें लबालब हो गयी वाहनों को सड़कों किनारे पैदल धकेलते हुए दिखाई दे रहे थे। निचली बस्तियों में भी पानी भरना स्वाभाविक था जब पॉश कॉलोनियों में पानी भर गया था। शहर से बाजहर जाने वाले यात्री बस स्टैण्ड व रेलवे स्टेशन पर पहुंचने तक में तेज वर्षा में भीगते हुए पहुंच रहे थे। मौसम विभाग ने अगले कुछ और घंटे इसी तरह वर्षा होने की संभावना जाहिर की है। लगातार वर्षा से मौसम में ठंडक घुल गयी है। शनिवार की सुबह न्यूनतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है जबकि दिन में अधिकतम तापमान सिर्फ 27.6 डिग्री सेल्सियस हो सका है। शनिवार की रात 8.30 बजे तक 37.2 एमएम वर्षा रिकॉर्ड हो चुकी थी।

तिघरा डैम में वर्तमान में लगातार वर्षा से जल स्तर 737 फ़ीट होने की जानकारी प्राप्त हुई है। 1 दिन की वर्षा से लगभग 2 फ़ीट जलस्तर बढ़ा है। डैम के गेट खोलने की स्तिथि 739 फ़ीट पर बनती है। प्रशासन लगातार मैसेज जारी कर कह रहा है कि सभी जलग्रह क्षेत्र (कैचमेंट क्षेत्र) में पढ़ने वाले ग्राम व सभी जनमानस को सूचित किया जाता है कि डैम के आसपास कोई भी न जाये। सुरक्षा व्यवस्था के लिए TI तिघरा अनाउंसमेंट करवा रहे हैं। पंचायत स्तर पर भी सभी को सूचित करने का कष्ट करें।बंगाल की खाड़ी का चक्रवातीय घेरा उत्तर प्रदेश होते हुए हिमालय की तराई में जा रहा है। ग्वालियर-चंबल संभाग इसके दक्षिण हिस्से में है। इस कारण बादल छा रहे हैं। फुहारें बरस रही हैं। यह संभाग के नजदीक आने पर वर्षा में तेजी आएगी।

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