‘‘एक दीप मेडीकल हिन्दी पाठ्यक्रम के नाम’’

 सीएम शिवराज ने जलाया एक दीप मेडिकल हिंदी पाठ्यक्रम के नाम...

‘‘एक दीप मेडीकल हिन्दी पाठ्यक्रम के नाम’’ 


ग्वालियर l रविवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई की प्रथम वर्ष की हिंदी पुस्तकों का विमोचन करेंगे। इसकी पूर्व संध्या पर सीएम शिवराज ने शनिवार को न्यू मार्केट स्थित रोशनपुरा चौराहा पर एक दीप मेडिकल हिंदी पाठ्यक्रम के नाम प्रज्जवलित किया।  इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हिंदी माध्यम की शिक्षा कई विद्यार्थियों की जिंदगी में एक नया प्रकाश लेकर आएगी। कल का दिन मध्य प्रदेश और देश के लिए ऐतिहासिक दिन है। एक नया इतिहास रचा जाना है। प्रदेश सरकार कार्यक्रम को भव्य बनाने में जुटी हुई है। लाल परेड ग्राउंड में रविवार 12 बजे कार्यक्रम का आयोजन होगा। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अपील भी की। 

प्रदेश भर में हिन्दी में ज्ञान का प्रकाश" विषय पर विद्यालयों में संगोष्ठी एवं कार्यक्रम हुए। शाम को प्रतीक स्वरूप दीप प्रज्वलन किया गया। इसमें स्टूडेंट्स ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। प्रदेश भर के 14,01,730 विद्यार्थियों ने इन कार्यक्रमों में सहभागिता की एवं 1422 उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, 1503 उच्च माध्यमिक विद्यालय, 1152 माध्यमिक विद्यालय एवं 1706 प्राथमिक शालाओं ने हिंदी भाषा आधारित गतिविधियों एवं कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता दर्ज की। इन विद्यालयों में आयोजित कार्यक्रमों में विद्यार्थियों को हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा को लेकर जानकारी दी गई एवं उन्हें प्रोत्साहित किया गया कि अब डॉक्टर बनने की राह में भाषा बाधा नहीं बनेगी।


सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश में एक नए युग का प्रारंभ हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा का माध्यम मातृ भाषा हो यह संकल्प व्यक्त किया है। नई शिक्षा नीति में भी मातृभाषा में शिक्षा दी जाए। इसका प्रकटीकरण हुआ है। मुझे यह कहते हुए प्रशंसा है कि अपनी मातृ भाषा हिंदी में मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा देने के काम का पहला क्रियान्वयन कहीं हो रहा है तो मध्य प्रदेश में हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कल केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हिंदी माध्यम में चिकित्सा शिक्षा की पुस्तकों का विमोचन करेंगे। यह अपने आप में एक नई क्रांति है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री और पूरी टीम को बधाई, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के टास्क को अपने हाथों में लिया और पूरा करके दिखाया।

सीएम ने कहा कि यह जो मानसिकता है। अंग्रेजी मतलब हमको दूसरे से ऊपर और अलग ले जाती है। इस मानसिकता को बदलने का अभियान भी हमने चलाया है। और सभी विषयों की शिक्षा हिंदी में दी जाती है। सबसे ज्यादा कठिन मेडिकल में है। वह अपने करके दिखाया है। हम अंग्रेजी की गुलामी से मध्य प्रदेश को मुक्त कर रहे हैं। हम भाषा विरोधी नहीं है। सीएम ने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज के वॉररूम ‘मंदार’ में डॉक्टर्स, विशेषज्ञ, सदस्यों और युवाओं की टीम लगी। उन्होंने मेडिकल की किताबों को हिंदी में लिखा। उन्होंने दिन रात मेहनत की। उन किताबों का अध्ययन करके उनको हिंदी में परिवर्तित किया। जब यह टॉस्क हम लोगों ने हाथ में लिया था, तब हर कोई कह रहा था कि असंभव। लेकिन यह टीम की मेहनत है जिसने असंभव को संभव कर दिया है। यहां ऐसा मंथन हुआ, जिससे अब हिंदी का अमृत निकल रहा है। अभी प्रथम वर्ष की पुस्तके तैयार हुई है। द्वितीय वर्ष की किताबों को बनाने का काम हो रहा है। यह पीजी तक लगातार चलेगा।

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