म्यांमार में तीन सौ से अधिक भारतीय बंधक !

म्यांमार के म्यावाडी में एक गिरोह ने बना लिया है बंधक …

म्यांमार में तीन सौ से अधिक भारतीय बंधक !

तमिलनाडु  के करीब 60 लोगों समेत 300 से अधिक भारतीयों को म्यांमार के म्यावाडी में एक गिरोह ने बंधक बना लिया है। इनमें कई को थाईलैंड जैसे देशों में अच्छी नौकरी का झांसा दिया गया था और फिर उन्हें बंधक बना लिया गया। अब उन्हें जबरन साइबर क्राइम करवाया जा रहा है और इनकार करने पर इलेक्ट्रिक शॉक देकर प्रताड़ित किया जा रहा है।टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, 300 भारतीय समेत कुछ अन्य देशों के लोग भी इस इंटरनेशनल रैकिट  का शिकार बने हैं। इन सभी बंधकों को म्यांमार के म्यावाडी इलाके में बंदी बनाया गया है जो कि म्यांमार सरकार के नियंत्रण में नहीं है। इस इलाके में कुछ जातीय सशस्त्र समूहों की पैठ है। रिपोर्ट के मुताबिक, किसी तरह से अपने परिवारों को मैसेज भेजने वाले पीड़ितों ने बंधक बनाने वालों को ‘मलेशियाई-चीनी’ बताया है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मामला तब सामने आया जब कुछ तमिल बंधकों ने अपने परिजनों को एक आपातकालीन मैसेज  भेजा। इस मैसेज में एक वीडियो था, जिसमें उन्होंने केंद्र और तमिलनाडु सरकार से बचाने की अपील की थी। वीडियो में बंधको ने बताया कि उन्हें यहां दिन में 15 घंटे से ज्यादा काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पीड़ितों ने यह भी बताया कि जब वह साइबर क्राइम  जैसे गैरकानूनी कामों को करने से मना करते हैं तो उन्हें पीटने के साथ बिजली का झटका भी दिया जाता है। हालांकि, बताया गया है कि म्यांमार की राजधानी यंगून में स्थित भारतीय दूतावास ने 5 जुलाई को ‘नौकरी के नाम पर झांसा देने वाले अपराधियों’ को चेतावनी देते हुए एक एडवाइजरी जारी की थी। इस मामले में  कराईकलमेडु के सुब्रमण्यम नाम के एक मछुआरे ने पुडुचेरी के जिला कलेक्टर से अपने बेटे को बचाने की अपील की। सुब्रमण्यम के बड़े बेटे सुधाकर ने अपने भाई के बारे में बताते हुए कहा कि वह पहले दुबई में डेटा एंट्री ऑपरेटर की जॉब कर रहे थे।

 सुधाकर के मुताबिक, उनके भाई को इस साल की शुरुआत में उनके मैनेजर द्वारा कहा गया कि उनका प्रमोशन कर दिया गया है और उसे अब थाईलैंड वाले ऑफिस को ज्वाइन करना है। हालांकि, उनके साथ धोखा हुआ और कई और लोगों के साथ उनके भाई को भी अवैध रूप से सड़क के रास्ते थाईलैंड से म्यांमार ले जाया गया था।सुब्रमण्यम के छोटे भाई सुधाकर ने बताया कि “उनके बड़े भाई ने मैसेज में बताया कि कुछ दिन पहले जब उसके एक सहयोगी ने गैरकानूनी काम करने से इनकार किया तो तो उसकी पिटाई कर दी गई। इस हमले में उसके सिर और कान पर गंभीर चोटें आईं, जिसके चलते उसे पांच टांके लगाने पड़े थे।

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