देश को भारत की प्राचीन परंपराओं पर शोध करने की आवश्यकता भी है : उच्च शिक्षा मंत्री


जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह  में में बोले शिक्षामंत्री ...

देश को भारत की प्राचीन परंपराओं पर शोध करने की आवश्यकता भी  है : उच्च शिक्षा मंत्री

ग्वालियर. जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में दीक्षांत समारोह का आयोजन हुआ। शनिवार को आयोजित हुए दीक्षांत समारोह  में में राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं केन्द्रीय नागरिक उड्डयन व इस्पात मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उपाधियाँ एवं स्वर्ण पदक व पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को वीडियो संदेश के जरिए बधाई एवं शुभकामनायें दीं। इस अवसर पर श्री यादव ने कहा कि विद्यार्थी अपने ज्ञान व कौशल से विशिष्टतम लक्ष्य प्राप्त कर दुनियाभर में भारत का नाम रोशन करें।

दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. यादव ने कहा खुशी की बात है कि जीएसटी जैसे विषय पर हमारे विद्यार्थी पीएचडी उपाधि प्राप्त कर रहे हैं, जो देश के आर्थिक सशक्तिकरण की ओर सुखद संकेत है। उन्होंने रसायन शास्त्र व भारत की प्राचीन परंपराओं पर शोध करने की आवश्यकता भी बताई। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विपरीत परिस्थितियों के बाबजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है।

दीक्षांत समारोह में शिक्षण सत्र वर्ष 2020-21 की पीएचडी उपाधियाँ, स्नातकोत्तर उपाधियाँ व विभिन्न संकायों में अव्वल रहे विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। इनमें 90 शोध उपाधि (पीएचडी), 92 स्नातकोत्तर उपाधियाँ एवं 55 स्वर्ण पदक व पुरस्कार शामिल हैं।


दीक्षांत समारोह में एमबीए फुलटाइम में 92.13 अंक प्रबंध संकाय स्नातकोत्तर में स्वर्ण पदक और डॉ एसएम शुक्ला स्वर्ण पदक एमबीए में भी सर्वोच्च स्थान के साथ दोनों विषयों में गोल्ड मैडल के साथ धर्मेन्द्र प्रताप सिंह सुपुत्री शब्दिता सिंह ने प्राप्त किये हैं। पुलिस विभाग में सीसीटीएनएस में दक्षता के साथ कार्य करने वाले संजय बनवारिया ने भी मुख्य अतिथि से उपाधि प्राप्त की है।  ज्योतिषाचार्य शास़्त्र में सीमा नायक ने स्वर्ण पदक के साथ उपाधि प्राप्त की इसके अलावा भाजपा नेता एवं पूर्व पार्षद करूणा सक्सेना ने भी उपाधि प्राप्त की।

समारोह में वर्ष 2020-21 की डिग्री के साथ-साथ गोल्ड मेडल और नकद पुरस्कार दिए गए। पीएचडी के 90, पीजी के 92 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। 55 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिए गए। पूरा कार्यक्रम हिंदी में हुआ।

शुक्रवार को समारोह का पूर्वाभ्यास किया गया था। प्रोफेसर, अधिकारी व कर्मचारियों को कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में बताया गया था। ऐसे में आज आयाेजन के दाैरान कहीं भी अव्यवस्था जैसी स्थिति निर्मित नहीं हुई। इसके अलावा फार्मेसी में पौधारोपण कार्यक्रम का भी आयाेजन किया गया।

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