आबकारी विभाग में हुआ करोड़ो का फर्जी दस्तावेजी घोटाला

 

यह फर्जीवाड़ा भी हमेशा की तरह जांच-जांच का खेल न बन जाए…

आबकारी विभाग में हुआ करोड़ो का फर्जी दस्तावेजी घोटाला

इन्दौर। 42 करोड़ का आबकारी घोटाला करीब 6 साल पहले सामने आया था जिसमें तब तकरीबन दर्जन भर अधिकारियों को ट्रांसफर और सस्पेंड किया गया था लेकिन उसकी विभागीय जांच अभी तक जारी है बताने का उद्देश्य यह कि परिवहन विभाग के बाद आबकारी विभाग घपलों घोटालों का पर्याय बन चुके और अफसरों नेताओं का सबसे दुधारू विभाग एक बार फिर करोड़ो के फर्जी दस्तावेज घोटालें के कारण सूर्खियों मैं है। आबकारी विभाग में पकड़ाए करोड़ो के इस नये घोटालें से आबकारी विभाग में ठेकेदारों और आबकारी विभाग के अफसरों की भी  सांठगांठ का पर्दाफाश हुआ है। 

हालांकि मामले में आबकारी विभाग की तरफ से ही एफ आई आर दर्ज करवाई गयी है। फर्जी दस्तावेजों की मदद से इंदौर की एक सर्किल की शराब दुकान के ठेके लिए गए और सरकार को 15 करोड़ रुपए का चूना लगाने के आरोप में  झारखंड की शराब कंपनी के दो कर्ताधर्ताओं के खिलाफ रावजी बाजार पुलिस ने धोखाधड़ी , कूटरचित दस्तावेज बनाने आदि विविध धाराओं में केस दर्ज किया गया है। रावजी बाजार पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार फरियादी आबकारी अधिकारी राजीव मुद्गल की रिपोर्ट पर आरोपी मोहन कुमार और अनिल सिन्हा के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 

मामलें में ठेकेदार द्वारा मात्र 7 हजार रुपए की एफडी को 70 लाख की बताकर ठेके की एडवांस राशि की एफडीआर कर दी गई और मात्र 47 हजार रुपए की एफडी को चार करोड़ 70 लाख की बताकर इतनी राशि का इंदौर में एमआईजी दुकान का शराब ठेका ले चलाता रहा। जब जून महीने में आबकारी विभाग ने संबंधित आईसीआईसीआई बैंक मालव परिसर से एडवांस राशि 70 लाख आबकारी के खाते में जमा कराने की बात कही तो बैंक ने बताया कि खाते में 70 लाख नहीं केवल सात हजार रुपए इसके बाद जब विभाग ने फिर मूल बैंक गारंटी चार करोड़ 70 लाख की बात पूछी तो बताया गया ठेकेदार मोहन कुमार और अनिल सिन्हा ( डायरेक्टर महुआ टीवी बैंगलुरू ) के इस खाते में मात्र 47 हजार रुपए ही हैं। 

आबकारी विभाग में प्रापर्टी के ओवर वेल्यूशन कर और आधे अधूरे कागजों से इस तरह बैंक गारंटी का कागजी खेल वर्षो से चल रहा है बैंक प्रबंधन की मदद से जारी होती इन ग्यारंटियों को आबकारी विभाग बगेर जांचे मान्य कर करोड़ों ठेके जारी करता रहा इस मामलें में भी एफ आई आर होने के बाद भी हर मामलें की तरह जांच का खेल शुरु हो जावेगा देखते है जांच मैं किसका विकेट उड़ता है और कौन कितने गोल खाता है। हालांकि शुरूआत हो चुकी है विकेट गिरने की और इंदौर आबकारी विभाग में हुए बैंक गारंटी फर्जीवाड़े वाले इस मामले में ठेका शाखा प्रभारी राजीव को निलंबित करने के आदेश जारी हो गये है।


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