महिलाओं, बच्चों एवं कमजोर वर्गों के प्रति बरतें अधिक संवेदनशीलता : एडीजी ग्वालियर

ग्वालियर रेंज अजाक पुलिस द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन…

महिलाओं, बच्चों एवं कमजोर वर्गों के प्रति बरतें अधिक संवेदनशीलता : एडीजी ग्वालियर

ग्वालियर। ग्वालियर रेंज अजाक पुलिस द्वारा आज दिनांक को सिटी सेंटर स्थित होटल न्यू लेंडमार्क एनएक्स में ‘‘समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता’’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। इस सेमीनार का शुभारंभ प्रातः 11ः00 बजे मुख्य अतिथि अति. पुलिस महानिदेषक ग्वालियर जोन डी. श्रीनिवास वर्मा द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तद्उपरांत पुलिस अधीक्षक अजाक ग्वालियर रेंज पंकज पाण्डेय द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत किया गया। इस सेमीनार में ग्वालियर रेंज के 50 से अधिक पुलिस अधिकारी सम्मिलित हुए। 

इस अवसर पर मुख्य अतिथि एडीजी ग्वालियर ने अपने उद्बोधन में कहा कि पुलिस के प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी को समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता रवैया अपनाना चाहिये। थाने में अपनी फरियाद लेकर आने वाले फरियादी/पीड़ित के साथ आपको शालीनतापूर्वक व्यवहार करना चाहिये। षिकायत लेकर वाले व्यक्ति को अच्छे से बैठाकर उसकी बात को सुनना चाहिये और उसकी षिकायत पर तत्काल कार्यवाही करते हुए पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजना चाहिये। इस प्रकार आप तत्कालिक लाभ पहुंचा सकते है। पुलिस को प्रत्येक अपराध की प्रकृति को भांपकर उस पर कार्यवाही करना चाहिये। 

विवेचक को रिपोर्ट दर्ज करते समय स्वंय को पीड़ित के स्थान रखकर उसकी बात सुननी चाहिये इसके उपरांत विधि अनुसार कार्यवाही करते हुए उसकी रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिये। हाल ही में न्यायालय द्वारा कई बार पुलिस की विवेचना क स्तर पर सवाल उठाये गये है जिसकी वजह से आरोपी को न्यायालय में उसका लाभ मिल जाता है इसलिये अपराध विवेचना के दौरान विवेचक को भौतिक साक्ष्यों के साथ-साथ तकनीकि साक्ष्यों के संकलन पर विषेष ध्यान देना चाहिये साथ ही माननीय न्यायालय की रूलिंग के हिसाब से ही बिंदूवार विवेचना की जाना चाहिये, जिससे आपकी विवेचना का स्तर उत्कृष्ठ हों और पीड़ित को न्याय दिलाने में सहायक हो। 

माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, ग्वालियर जितेन्द्र शर्मा द्वारा आपराधिक प्रकरणों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने संबंधी प्रावधानों एवं क्रियात्मक सुधार के बारे में व्याख्यान दिया गया तथा सेमीनार में उपस्थित प्रषिक्षणार्थियों के द्वारा पूछे गये प्रष्नों का समाधान किया। विनोद ढिंगरा वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी, आर.एफ.एस.एल. ग्वालियर द्वारा अपराध के घटना स्थल पर वैज्ञानिक साक्ष्य के संकलन, पैकिंग, व जांच संबंधी महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाष डाला गया। सेमीनार में पुलिस अधीक्षक राज्य सायबर पुलिस ग्वालियर जोन सुधीर अग्रवाल द्वारा सायबर अपराध या वित्तीय अपराध घटित होने पर फरियादी से जानकारी प्राप्त करने व संबंधित वित्तीय संस्थानों से आवष्यक तथ्य जुटाकर अपराधी तक पहुंचने की तकनीकी विधि से अवगत कराया कराया गया। 

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा बालकों के संबंध में विधि के विषिष्ट प्रावधानों के बारे में पुलिस अधिकारियों को प्रषिक्षण दिया गया। पुलिस अधीक्षक अजाक ग्वालियर रेंज द्वारा उपस्थित प्रतिभागियों को एससी/एसटी एवं महिला संबंधी अपराधों की विवेचना के दौरान आने वाली समस्याओं व उनके निराकरण, विवेचना में डिजीटल साक्ष्यों की उपयोगिता, अपराध निकाल में तकनीकि का उपयोग एवं केस डायरी सहित विवेचना की बारीकियों से अवगत कराया साथ ही उनके द्वारा वायस टायपिंग टूल के जरिये डायरी लेखन किस प्रकार किया जाये इस संबंध में जानकारी प्रदाय की। 

उन्होने अपने उद्बोधन में यह भी कहा कि एससी/एसटी के प्रकरणों में अधिक से अधिक सजा कराये जाने हेतु विवेचना उच्च स्तर की होनी चाहिए इसके लिये आदिम जाति कल्याण विभाग, राजस्व विभाग, अभियोजन शाखा तथा बैंक अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर जाति प्रमाण पत्र, राहत राषि व प्रकरण निकाल हेतु उनकी मदद ले सकते है। सेमीनार के अंत में उपस्थित प्रषिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र प्रदान किये जाकर कार्यक्रम का समापन किया गया।

Comments