राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 के लिए नियमित कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षक ही होंगे पात्र

एक जिले से भेजे जाएंगे तीन नाम…

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 के लिए  नियमित कक्षा में पढ़ाने वाले शिक्षक ही होंगे पात्र

भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार-2022 के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। शिक्षकों को खुद अपनी उपलब्धियों की जानकारी आनलाइन स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की वेबसाइट पर 20 जून तक किए जा सकेंगे। इसमें शिक्षकों को अपनी जानकारी देनी होगी। इस संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें शासकीय, स्थानीय निकास, अनुदान प्राप्त, प्राथमिक, माध्यमिक, हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल, राज्य के माडल स्कूल एवं सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में कार्यरत शिक्षक नामांकन के लिए पात्र होंगे। 

इस पुरस्कार के लिए ऐसे शिक्षक या प्राचार्य पात्र होंगे, जो नियमित रूप से कक्षा में पढ़ाते हो। इस पुरस्कार के लिए सेवानिवृत्त शिक्षक, शैक्षिक प्रशासक, शैक्षिक निरीक्षक एवं प्रशिक्षण संस्थाओं में कार्यरत अमला नामांकन के लिए पात्र नहीं होंगे। संविदा शिक्षक या अतिथि शिक्षक आदि नामांकन के लिए पात्र नहीं होंगे। इस पुरस्कार में शिक्षण कार्य में शामिल शिक्षक नामांकन के लिए पात्र नहीं होंगे। इस पुरस्कार के लिए वे शिक्षक शामिल नहीं होंगे, जिनके खिलाफ कोई भी विभागीय कार्रवाई की गई है। प्रदेश के अधिक से अधिक उत्कृष्ट शिक्षकों को निर्धारित तिथि तक भारत सरकार के पोर्टल पर आनलाइन नामांकन के लिए प्रेरित करें और निर्धारित समय-सारिणी अनुसार जिला शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय चयन समिति की बैठक आयोजित क निर्धारित तिथि 15 जुलाई के पहले राज्य स्तरीय चयन समिति को प्रत्येक जिले से तीन उत्कृष्ट अनुशंसाएं भेजनी है। 

जिला चयन समिति द्वारा जिले के मूल्यांकन में वरीयता क्रम से तीन शिक्ष्कों की अनुशंसा राज्य चयन समिति को आनलाइन पोर्टल पर सत्यापन एवं विजलेंस क्लियरेंस सर्टिफिकेट अपलोड किया जाए। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि इसमें असाधारण शिक्षक, दिव्यांग शिक्षक को भी शामिल किया जा सकता है। जिला चयन समिति द्वारा की जा रही तीन अनुशंसाओं में विशिष्ट परिस्थिति में कार्यरत शिक्षक को भी ले सकते हैं। जिला चयन समिति द्वारा की जा रही तीन अनुशंसाओं में यथासंभव शिक्षा की विभिन्न विधाओं जैसे विज्ञान, कला, म्यूजिक, फिजिकल शिक्षा आदि के शिक्षकों काे भी समाहित किया जाए।

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