विद्यालय के सामान्य जानकारी वाले बोर्ड पर अभी भी कमलनाथ ही हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री !

शासकीय विद्यालयों की स्थिति बेहद ही दयनीय...

विद्यालय के सामान्य जानकारी वाले बोर्ड पर अभी भी कमलनाथ ही हैं प्रदेश के मुख्यमंत्री !

वास्तविकता को समझे बगैर और मॉनिटरिंग के अभाव में लिए जा रहे हैं निर्णय के कारण शासकीय प्राथमिक,माध्यमिक विद्यालयों की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। मॉनिटरिंग के अभाव में एचएम एवं शिक्षक शिक्षिकाएं अपनी मनमर्जी के मालिक बन गए हैं । जब इनका मन होता है तब विद्यालय आते हैं और अपनी उपस्थिति, उपस्थिति पत्रक में दर्ज कर चले जाते हैं। केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ही नहीं वल्कि शहरी क्षेत्र के विद्यालयों में भी इस प्रकार की घटनाएं देखने को मिल रही है । जब इन शिक्षक शिक्षिकाओं और यहां के एचएम से किसी प्रकार की जानकारी मांगी जाती है। तो उनका जवाब होता कि हमने तो अभी चार्ज संभाला है, हम छुट्टी पर थे या ये हमारे नॉलेज में नहीं है । विद्यालय में किसी कमी है की ओर जमीन का ध्यान आकर्षित किया जाता कराया जाता है तो इनका कहना होता है कि ठीक करा लेंगे मैंने अभी चार्ज संभाला है ऐसे तमाम बहाने उनके पास पहले से तैयार रहते हैं।

जी न्यूज़ 24 की टीम जब  लगभग 11:00 बजे के समय सेवा नगर स्थित शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय रमटा पुरा पर पहुंची तो विद्यालय की एचएम तो मौके पर नहीं मिली सहायक शिक्षिका अकेली बैठी हुई कुछ कार्य निपटा रहे थी। एचएम के बारे में पूछने पर पता चला कि वह छुट्टी पर है उन्होंने आंखों का ऑपरेशन कराया है। विद्यालय का निरीक्षण करने पर देखने में आया कि सामान्य जानकारी प्रदान करने वाले बोर्ड जो विद्यालय में है उस पर अभी भी मुख्यमंत्री कमल नाथ सिंह जी के समय की जानकारियां प्रदर्शित हो रही है उन्हीं के समय में पदस्थ प्रशासनिक अधिकारियों के नाम उस बोर्ड पर प्रदर्शित हैं। जबकि कमलनाथ सरकार का शासन समाप्त हुए काफी समय काफी समय गुजर चुका है। ऐसे में यहां पढ़ रहे बच्चों और उनके अभिभावकों को इस बोर्ड के माध्यम से गलत और भ्रामक जानकारी  प्राप्त हो रही है। 

इतनी बड़ी लापरवाही एक शिक्षक संस्थान में शिक्षण संस्थान में कैसे हो सकती है क्या इन विद्यालयों का इंस्पेक्शन करने वाले जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है और यदि है तो उन्होंने इसे ठीक क्यों नहीं कराया। जबकि इन छोटी-छोटी कमियों को दूर करने के लिए मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रतिवर्ष हजारों रुपया इन विद्यालयों को आकस्मिक खर्च के लिए जारी किया जाता है। इसके बावजूद भी इस प्रकार की गलतियां विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। बारहल हमारे द्वारा दी गई हिदायत के बाद एचएम मैडम द्वारा सामान्य जानकारी बोर्ड के नामों पर पर्ची चिपका कर सही नाम पर प्रदर्शित करने का प्रयास किया है।

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