22 मार्च से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करेगा : डॉ. दीप्ति गौड़

21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत होने की खगोलीय घटना…

22 मार्च से सूर्य उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश करेगा : डॉ. दीप्ति गौड़

ग्वालियर। शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय मुरार ग्वालियर के विपनेट क्लब विज्ञान बाल जन ग्रुप एवं द मिल्की वे एक्सीलेंस एस्ट्रोनॉमर्स क्लब कोऑर्डिनेटर एवं विज्ञान संचारक डॉ. दीप्ति गौड़ ने 21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत होने की खगोलीय घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण के कारण 21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत रहता है इसे वसन्त सम्पात' कहते है सूर्य को विषुवत रेखा पर लम्बवत् होने के कारण दिन और रात बराबर-बराबर अर्थात् 12-12 घण्टे के होते हैं। 21 मार्च के बाद सूर्य उत्तरी गोलार्द एवं मेष राशि में प्रवेश करेगा। 

सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होने लगेंगी। यह क्रम 21 जून तक जारी रहेगा 21 जून को भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में दिन सबसे बड़े तथा रात सबसे छोटी होगी 22 मार्च से सूर्य के उत्तरी गोलार्द्ध में प्रवेश के कारण सूर्य की किरणों की तीव्रता उत्तरी गोलार्द्ध में बढ़ने लगेगी। जिससे ग्रीष्म ऋतु का प्रारम्भ होता है। 21 मार्च की इस घटना को शंकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्षरूप से देखा जा सकता है। 21 मार्च को शंकु की छाया पूरे दिन सीधी रेखा (विषुवत रेखा) पर गमन करती हुई दिखाई देगी शा.जीवाजी वेधशाला उज्जैन में 21 मार्च की घटना को शंकु यन्त्र तथा नाडीवलय यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्षरूप से देखा जा सकता है 21 मार्च को शंकु की छाया पूरे दिन सीधी रेखा (विषुवत रेखा) पर गमन करती हुई दिखाई देगी 21 मार्च के पूर्व नाडीवलय यन्त्र के दक्षिणी गोल भाग (24 सितम्बर से 20 मार्च तक) पर धूप थी । 

21 मार्च को नाडीवलय यन्त्र के उत्तरी तथा दक्षिणी किसी गोल भाग पर धूप नहीं होगी तथा 22 मार्च से अगले छ माह ( 22 सितम्बर तक) नाड़ी वलय यन्त्र के उत्तरी गोल पर रहेगी। इस प्रकार सूर्य के गोलार्द्ध परिवर्तन को हम नाडी वलय यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से देख सकते हैं। उन्होंने बताया कि 28 मार्च को चन्द्रमा शुक्र युति होना है। जिसमें प्रातः सूर्योदय से पहले चन्द्रमा एवं शुक्र ग्रह एक साथ दिखाई देंगे। इस खगोलीय घटना का अवलोकन विद्यार्थियों को करवायें ताकि वे खगोलीय घटनाओं के विषय मे जागरूक होकर समाज को जागरूक कर सकें।

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