बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए तैयार कांग्रेस, रखी यह मांग

सरकार ने सत्ता पक्ष के विधायकों से तो बजट को लेकर सुझाव मांगे…

बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए तैयार कांग्रेस, रखी यह मांग

 

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार का आगामी बजट सत्र 5 मार्च से शुरू हो रहा है, जो कि 19 दिन तक चलेगा। कांग्रेस बजट सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी मे है। कांग्रेस की मांग है कि सरकार जन हितैषी बजट लाए। कांग्रेस विधायकों कहना है कि सरकार ने सत्ता पक्ष के विधायकों से तो बजट को लेकर सुझाव मांगे हैं। विपक्षी विधायकों से लिखित में कोई सुझाव नहीं मांगा है। विधायक आरिफ मसूद का कहना है कि बजट सत्र में प्रदेश सरकार किसानों को किया गया वादा पूरा करें और महंगाई पर लगाम लगाए। आरिफ मसूद ने बताया कि सरकार कह रही है कि विपक्ष सुझाव नहीं दे रहा। हम सुझाव दे रहे हैं कि बजट में पेट्रोल और डीजल से टैक्स कम किया जाए, तो बहुत सारी चीजों की महंगाई कम हो जाएगी।

शहर के अंदर की कॉलोनियो की अव्यवस्थाओं को दूर करने और बल्क कनेक्शन देने को लेकर भी बजट में प्रावधान हो। मसूद ने कहा कि संपत्ति कर और जल कर की वसूली को लेकर भी सरकार सुधार करें। आरिफ मसूद ने बताया कि सरकार की तरफ से विपक्ष के विधायकों से लिखित में सुझाव नहीं मांगे गए हैं, लेकिन मीडिया के जरिए पता चला है कि सरकार इसके लिए विपक्ष की विधायकों को ही जिम्मेदार बता रही है। पूर्व वित्त मंत्री और विधायक तरुण भनोट का कहना है कि बजट सत्र की तैयारी तो सरकार को करनी है। हमारी सरकार से मांग है कि जन हितैषी बजट लाएं और लोगों को राहत दें। कोविड के दौरान बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार हुए हैं। इसको लेकर सरकार को नीति बनाकर लाना चाहिए। भनोट ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन कमलनाथ सरकार के दौरान 300 से बढ़ाकर 600 रुपये की गई थी।

अभी इसे बढ़ाकर 1200 रुपए किए जाने का प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड के बिजली के बिलों को माफ करने का प्रावधान भी बजट में होना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि सरकार बजट को लेकर व्यापारिक संगठनों, उद्योगपतियों और विशेषज्ञों से सुझाव मांग रही है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीजेपी के विधायकों से भी बजट पूर्व सुझाव मांगे हैं, लेकिन विपक्ष के विधायकों से सुझाव नहीं मांगे गए हैं। अंग्रेज का आरोप है कि इसको लेकर सरकार राजनीति कर रही है। मीडिया में सरकार के मंत्री कह रहे हैं कि विपक्षी विधायकों से सुझाव मांगे गए हैं, लेकिन अब तक लिखित में सरकार की तरफ से कोई भी सुझाव नहीं मांगे गए हैं। ऐसे में कांग्रेस बजट सत्र में सरकार पर हमलावर होने की कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी।

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