शिवराज सरकार को लगी 62 करोड़ की चपत !

नए विमान के लिए 4 कंपनियों ने भेजे 5 प्रस्ताव…

शिवराज सरकार को लगी 62 करोड़ की चपत !

 

भोपाल। पिछले साल मई में नया प्लेन क्रैश होने के बाद अब राज्य सरकार एक बार फिर नया जेट विमान खरीदने की तैयारी शुरू कर दी है। नए जेट के लिए चार नामी कंपनियों ने अपनी रूचि दिखाई है। इन कंपनियों ने राज्य सरकार के विमानन विभाग को चार तरह के जेट खरीदने का प्रस्ताव दिया है। जेट खरीदी पर राज्य सरकार करीब 200 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके लिए बजट का प्रस्ताव आगामी बजट में किया जाएगा। नए विमान खरीदने की तैयारियों में जुटी शिवराज सरकार को विमान बेचने में चार नामी कंपनियों ने रूचि दिखाई है। फ्रांस की डिसाल्ट, अमेरिका की गल्फस्ट्रीम एयरोस्पेस कॉर्पोरेशन, कनाडा की बांबरडियर, अमेरिका की टेक्सट्रोन ने सरकार को विमान के संबंध में प्रस्ताव भेजा है। अमेरिका की टेस्ट्रॉन ने दो तरह के विमान का प्रस्ताव दिया है। जल्द ही विमान कंपनियों के प्रस्तावों का परीक्षण कर इसके लिए टेक्नीकल और फाइनेंशियल बिड बुलाएगी।

जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव भी लाया जाएगा। पिछली सरकार ने सुपर किंग एयर बी 200 प्लेन खरीद था, लेकिन 7 मई 2021 को ये प्लेन उस वक्त क्रैश हो गया था, जब इसे रेमिडेसिविर इंजेक्शन और कोरोना सेंपल लेने ग्वालियर भेजा गया था, लैंडिंग के वक्त प्लेन अरेस्ट वैरियर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसके बाद से ही नया प्लेन खरीदने का विचार किया जा रहा था। प्लेन दुघर्टनाग्रस्त होने की वजह से किराये पर लेकर काम चलाया जा रहा है। प्लेन के किराये पर पिछले साल करीब 14 करोड़ रुपए खर्च किया गया था। सुपर किंग एयर बी 200 प्लेन दुर्घटना के बाद कबाड़ हो चुका है, प्रदेश की सत्ता में दोबारा आने के बाद शिवराज सरकार ने इस विमान को खरीदा था, जिसने 26 नवंबर 2020 को पहली उड़ान भरी थी, जोकि 6 मई 2021 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। 6 माह यह विमान उड़ान भरता रहा, लेकिन विभाग के कर्ताधर्ताओं ने विमान के बीमा तक कराने तक की सुध नहीं ली, जिसके चलते विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगी। सरकार ने ये विमान 45 करोड़ में खरीदा था और इसे भारत लाने में अन्य टैक्स सहित करीब 16 करोड़ रुपए खर्च हुआ था।

दुर्घटना को लेकर दो पायलट सैयद माजिद अख्तर और को पायलट शिव जायसवाल का लाइसेंस एक साल के लिए निलंबित किया गया था क्योंकि पायलट ने बिना डीजीसीए की अनुमति के विमान का कार्गो के रूप में उपयोग किया था। हालांकि विमान का बीमा क्यों नहीं कराया गया, इसको लेकर अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। नया विमान खरीदने और पुराने विमान का बीमा नहीं कराए जाने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर तंज कसा है। प्रदेश प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि टैक्स के रूप में मिलने वाली जनता की गाढ़ी कमाई फिजूलखर्ची में उड़ा रही है सरकार। पिछले विमान का बीमा नहीं कराने से सरकार को करोड़ों रुपए की हानि हुई है। इस पर आज तक जिम्मेदारी तय नहीं की जा सकी है। मुख्यमंत्री सरकारी प्लेन का उपयोग बूथ विस्तार जैसे पार्टी के कार्यक्रमों में कर रहे हैं, जबकि इसे सरकारी कार्य दिखाया जा रहा है।

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