षट्तिला एकादशी पर शहर में रही धार्मिक आयोजनों की धूम

कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ…

षट्तिला एकादशी पर शहर में रही धार्मिक आयोजनों की धूम

 

श्री धर्मपुरी मन्दिर दादाजी धाम में भगवान चक्रधारी की प्राण प्रतिष्ठा एवं श्रीमद्भागवत का आयोजन  महाराज बाड़ा स्थित श्री धर्मपुरी मन्दिर में विगत दिवस भगवान चक्रधारी की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक  विधि विधान के साथ महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरनन्द (सन्त दादाजी महाराज) के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुई तथा आज 28 जनवरी शुक्रवार से श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ।मन्दिर समिति के दयाल दास ने बताया महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरनन्द महाराज(सन्त दादाजी) व्यास पीठ पर विराजमान होकर भक्तों को भागवत कथामृत रसपान करायेंगे।कथा 4 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक होगी।

इससे पूर्व महाराज बड़ा स्थित श्रीदत्त मन्दिर से कथा की भव्य कलश यात्रा निकाली गई जिसमें श्रद्धालु  हर्षोल्लास के साथ  नाचते गाते हुए शामिल हुए।कथा के प्रथम दिवस श्रीमद्भागवत कथा का महात्म्य बताते हुए सन्तश्री ने कहा कि कथा के श्रवण मात्र से मन एवं विचारों में सकारात्मकता का संचार होता है फलस्वरूप कष्ट संकट एवं पापों का निवारण  होकर जीव मात्र कल्याण के मार्ग पर शीघ्रता से अग्रसर होता है।वर्तमान समय में व्यक्ति, समाज एवं राष्ट्र के कल्याण के लिये सकारात्मक ऊर्जा की परम् आवश्यकता है। कथा उपरांत प्रसाद वितरण हुआ। मन्दिर समिति ने अधिकतम श्रद्धालुओं से कथा श्रवण हेतु पधारने का आग्रह किया है।

श्री सनातन धर्म मन्दिर में षट्तिला एकादशी पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का आगमन प्रारंभ हो गया। भक्तों ने भगवान चक्रधर एवं गिरिराजधरण के दर्शन लाभ प्राप्त किये एवं भगवान को तिल,गजक फल आदि अर्पित कर दान- पुण्य लाभ  प्राप्त किया।षट्तिला एकादशी पर छै: प्रकार से तिल के दान का विशेष महत्व है। इस अवसर पर मुख्य पुजारी पण्डित रमाकान्त शास्त्री ने भक्तों को एकादशी व्रत की कथा सुनाई।

मुख्य पुजारी पण्डित रमाकान्त शास्त्री ने भगवान चक्रधर का नई गरमपोशाक, मोरपंखी पगड़ी, पहनाकर , गले में तुलसी का कण्ठा, मोतियों की, सुंदर पुष्पों की माला, हाथों में कड़े, चरणों में पायजेब,कमर में वंशी, कंधे पर उपर्णा गरम शॉल  धारण कराकर सुन्दर मनमोहक श्रृंगार किया। पण्डित देवेंद्र शास्त्री ने गिरिराजधरण का आकर्षक श्रंगार किया। सन्ध्या आरती के पश्चात बाबाजी ने प्रसाद वितरणकिया, भक्तवृन्द भुजंग, राजेश गर्ग,ब्रजेश पाठक,राधेश्याम मंगल, रिषी आदि ने ठाकुर जी को भजन पद गाकर भजनंजली समर्पित की। इस अवसर पर प्रधानमंत्री महेश नीखरा, कैलाश मित्तल, केदारनाथ, विमल माहेश्वरी, नरेन्द्र आदि उपस्थित रहे।

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