MP में अब आठवीं कक्षा तक प्रवेश के वक्‍त टीसी जमा करना जरूरी नहीं

डीपीआई संचालक ने जारी किए आदेश…

MP में अब आठवीं कक्षा तक प्रवेश के वक् टीसी जमा करना जरूरी नहीं

 


भोपाल। प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को स्कूल में प्रवेश के वक् स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) जमा करने की जरूरत नहीं होगी हालांकि सत्र समाप् होने से पूर्व टीसी उपलब् करानी होगी। दरअसल, लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआई) के आयुक्त ने एक माह पहले स्थानांतरण प्रमाण पत्र (टीसी) के बिना प्रवेश दिए जाने के संबंध में निर्देश दिए थे। अब इस आदेश को बदल दिया गया है। अब फिर से पहली से आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए टीसी जमा करना जरूरी कर दिया गया है। बस रियायत यह दी गई है कि वे प्रवेश लेते वक् नहीं, तो सत्र समाप्ति से पूर्व ऐसा कर सकते हैं। डीपीआई संचालक केके द्विवेदी ने आयुक्त द्वारा अनुमोदित किए निर्देश में कहा है कि पहली से आठवीं कक्षा तक में प्रवेश के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के प्रविधान प्रभावशील होंगे।

विद्यार्थी को टीसी के अभाव में विद्यालय में प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा, लेकिन अभिभावक द्वारा विद्यार्थी की पूर्व अध्ययनरत स्कूल से स्कूल स्थानांतरण प्रमाण पत्र प्राप्त कर सत्र समाप्ति के पहले वर्तमान स्कूल को उपलब्ध कराना होगा। कक्षा 9 से 12 की कक्षाओं में पहले से लागू प्रविधान यथावत रहेंगे। सत्र 2022-23 के निजी स्कूलों की मान्यता एवं मान्यता नवीनीकरण के लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने समय-सारिणी जारी की है। राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने समय-सारिणी तय करते हुए सभी कलेक्टर्स, जिला शिक्षा अधिकारियों और विकासखंड स्त्रोत केंद्र समन्वयकों को निर्देश जारी किए हैं। निजी स्कूलों द्वारा नवीन मान्यता/मान्यता नवीनीकरण के लिए आरटीई एमपी मोबाइल एप के माध्यम से आनलाइन आवेदन 11 जनवरी से 10 फरवरी तक किए जा सकेंगे।

राज्य शिक्ष केंद्र ने सत्र 2020-21 से आनलाइन मान्यता मोबाइल एप के माध्यम से कराए जाने की व्यवस्था शुरू की गई है। मोबाइल एप से मान्यता आवेदन करते समय निजी स्कूल को आरटीई के मापदंडों की पूर्ति के लिए स्कूल में आवश्यक अधोसंरचना, कार्यरत शिक्षकों और स्कूल में आवश्यक संसाधनों की जीईओ टैग फोटो लेना अनिवार्य है मोबाइल एप के माध्यम से सहज एवं साक्ष्य आधारित मान्यता आवेदन करने और मान्यता आवेदनों के निराकरण की व्यवस्था की गई है आरटीई एक्ट के अनुसार उपलब्ध मानकों की पूर्ति करने वाले निजी स्कूल की मान्यता जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा तीन वर्ष के लिए जारी की जाएगी। इस संबंध में दिशा-निर्देश राज्य शिक्षा केंद्र की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए है।


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