सशक्त बालिका, सशक्त समाज, सशक्त मध्यप्रदेश

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम ग्वालियर में 

सशक्त बालिका, सशक्त समाज, सशक्त मध्यप्रदेश

 

ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि उन्हें यह कहते हुए खुशी है कि पहले एक हजार पुरूषों पर 927 महिलायें होती थीं। लेकिन लाड़ली लक्ष्मी योजना के फलस्वरूप प्रदेश में अब यह अनुपात बढ़कर एक हजार पुरूषों पर 956 महिलाओं का हो गया है। इस संख्या को सरकार बराबर करना चाहती है। यह बात मुख्यमंत्री ने सोमवार को ग्वालियर में राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में कही। यह समारोह जीवाजी विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी सभागार मेंसशक्त बालिकासशक्त समाजसशक्त मध्यप्रदेशनाम से आयोजित किया गया। इसमें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत राशि का वितरण सिंगल क्लिक के जरिए किया गया। इसके अलावा लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र एवं महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं को सशक्त नारी सम्मान प्रदान किया गया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस देशभर में 24 जनवरी को ही मनाया जाता है। जबकि बेटियों के लिये हर दिन, हर पल हो सकता है। उन्हें उचित स्थान मिले, इसके लिये सरकार ने पूरे प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि पहले बेटियों के साथ भेदभाव होता था और यह कहानी घर-घर की थी। जब बेटा जन्म लेता तो खुशियां मनाई जाती थीं और यदि बेटी गई तो लोगों का चेहरा उतर जाता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटा-बेटी एक बराबर हैं। नारी केवल काम करने के लिये ही नहीं होती है, उन्हें भी जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि जब तक बेटा-बेटी को बराबर नहीं माना जायेगा, तब तक बेटी को आने से लोग रोकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बेटियों के सशक्तिकरण के लिये राज्य सरकार ने अनेकों योजनायें चलाई हैं, ताकि बेटियों के परिवार पर आर्थिक बोझ नहीं पड़े।

बेटियों की पढ़ाई के लिये किताबें, साइकिल, गाँव की बेटी योजना, कॉलेज जाने पर पाँच हजार रूपए एवं बेटी के शादी योग्य हो जाने पर कन्यादान योजना शुरू की गई है। महिलाओं के जब प्रसव होता है तो संबल योजना के तहत प्रसव के पूर्व चार हजार रूपए तथा बाद में 12 हजार रूपए दिए जाते हैं। अत: बेटी के जन्म से लेकर उसके विवाह होने तक सरकार द्वारा अनेक योजनायें चलाई गई हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में 41 लाख लाड़ली लक्ष्मी हैं। जिसके फलस्वरूप अब माता-पिता के नजरिए में बदलाव आया है। अब लोग बेटा-बेटी में भेदभाव नहीं करते हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आश्वस्त किया कि बेटियों की पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के दौरान आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं ने बेहतर काम किया है। आगे भी महिलायें किसी भी काम में पुरूषों से पीछे नहीं रहेंगीं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति लोगों को सोच बदलनी होगी।

अब महिलायें घरेलू हिंसा का शिकार नहीं होनी चाहिए तथा पुरूष प्रधान की भावना को भी बदलने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से भी सशक्त किया जा रहा है। स्व-सहायता समूह में 33 लाख महिलायें जुड़ी हैं। इसी प्रकार शिक्षा विभाग में 50 प्रतिशत एवं पुलिस विभाग में 30 प्रतिशत आरक्षण बेटियों को दिया गया है। इसलिए हर क्षेत्र में बेटियां आगे बढ़ रही हैं। समारोह में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 10 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित किया उन्होंने एक करोड़ 70 लाख रूपए की राशि हितग्राहियों के खाते में सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरित की। इसी प्रकार 550 बालिकाओं को लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत 22 लाख रूपए छात्रवृत्ति के रूप में अंतरित किए। इसके अलावा बेटियों को लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र एवं विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने के लिये महिलाओं को नारी शक्ति सम्मान से सम्मानित किया गया।

Comments