मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के अनिल राठौर ने…
असफलता के बाद भी नहीं मानी हार, पांचवें प्रयास में पाया IAS का पद
यूपीएससी परीक्षा में हम आपको अनिल राठौर के बारे में बताएंगे जिन्होंने बार बार मिलने वाली असफलता के बावजूद भी कभी हार नहीं मानी और बिना निराश हुए प्रयास करते रहें। उन्होंने बेहतर प्रदर्शन करने के लिए अपने कमियों को पहचाना और उसमें सुधार किया तब जाकर उन्हें आईएएस का मनचाहा पद प्राप्त हुआ। अनिल राठौर मूल रूप से मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन के दिनों ही अनिल ने सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बना लिया था।
शुरुआत में यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने कोचिंग का सहारा लिया था। हालांकि, इसके बाद की तैयारी उन्होंने खुद ही की थी। अनिल ने सिविल सेवा परीक्षा के कुल पांच अटेम्प्ट दिए हैं। हर बार कुछ कमी होने के चलते वह यह कठिन परीक्षा क्लियर नहीं कर पाते थे। हालांकि, सिविल सेवा परीक्षा के चौथे प्रयास में अनिल का सेलेक्शन हो गया था लेकिन 569 वीं रैंक होने की वजह से उन्हें इंडियन रेलवेज अकाउंट सर्विसेज अलॉट किया गया था।
अनिल ने यह पद स्वीकार तो कर लिया था लेकिन वह इससे बिल्कुल संतुष्ट नहीं थे। इसके बाद उन्होंने एक और अटेम्प्ट देने का फैसला किया और आखिरकार पांचवें प्रयास में उन्हें आईएएस पद के लिए चुना गया। अनिल के अनुसार सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए एनसीईआरटी किताबों को पढ़ना बेहद आवश्यक है। इसके अलावा आप कोचिंग के नोट्स से भी पढ़ाई कर सकते हैं। उनका मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए सीमित किताबों से ही पढ़ाई करनी चाहिए। हालांकि, पढ़ाई के साथ ही बार-बार रिवीजन करना भी ज़रूरी है।
इसके अलावा पढ़ाई पूरी होने पर आंसर राइटिंग प्रैक्टिस और मॉक टेस्ट भी देना चाहिए। अनिल का कहना है कि पढ़ाई के अलावा टाइम मैनेजमेंट का भी ध्यान देना चाहिए। कई बार प्रैक्टिस की कमी के चलते लोग पेपर छोड़कर आ जाते हैं। उनका मानना है कि भले ही कम लिखो लेकिन पूरा पेपर अटेम्प्ट करने का प्रयास करना चाहिए। संभव है कि सफलता मिलने में कभी ज्यादा समय भी लग सकता है लेकिन इस दौरान हिम्मत हारने की जगह पूरे मन से मेहनत करना चाहिए।
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