आमजनों को शीघ्र मिले अमृत परियोजना का लाभ : श्री शेजवलकर

सांसद ने दिए निर्देश सभी कार्य 31 दिसम्बर तक पूर्ण करें…

आमजनों को शीघ्र मिले अमृत परियोजना का लाभ : श्री शेजवलकर

ग्वालियर। शहरवासियों को शुद्ध और पर्याप्त मात्रा में पेयजल उपलब्ध हो, इसके लिये अमृत परियोजना के तहत 31 दिसम्बर तक कार्य पूर्ण किए जाएँ। परियोजना के तहत सभी डीएमए का कार्य पूर्ण कर निर्धारित मात्रा और प्रेशर से पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने गुरूवार को जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक में यह निर्देश दिए हैं।कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष मंक आयोजित इस बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं के साथ ही शासन की महत्वपूर्ण योजनाओं की भी समीक्षा की गई। 

क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि शहर के लिये अतिमहत्वपूर्ण अमृत परियोजना के तहत सभी काम 31 दिसम्बर तक पूर्ण किए जाएं।ताकि शहरवासियों को योजना का लाभ मिल सके। परियोजना के तहत पेयजल टंकियों के निर्माण के साथ-साथ सभी डीएमए का कार्य भी 31 दिसम्बर तक पूर्ण किया जाए। साथ ही निर्धारित मात्रा में शुद्ध पेयजल आम जनों को उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी कहा है कि अमृत परियोजना के तहत सीवर एवं पानी की लाईन बिछाने के लिये जो सड़कें खोदी गई हैं उसे शीघ्र अतिशीघ्र पूर्ण गुणवत्ता के साथ ठीक करने का कार्य किया जाए। 

क्षेत्रीय सांसद ने नगर निगम आयुक्त से कहा है कि पानी एवं सीवर की लाईन डालने के लिये जो सड़कें खोदी गई हैं उसको ठीक करने के लिये प्राथमिकतावार कार्यक्रम तय किया जाए। तय किया गया कार्यक्रम जनप्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराया जाए। रेस्टोरेशन का कार्य तीव्र गति से और गुणवत्ता के साथ हो, इसकी भी मॉनीटरिंग की जाए। बैठक के दौरान अमृत परियोजना के तहत सीवर का जो कार्य मुरार एवं दक्षिण विधानसभा में दो पैकेजों में किया गया है उसकी पूरी जानकारी जनप्रतिनिधियों को उपलब्ध कराई जाए। 

इसके साथ ही किए गए कार्यों का सत्यापन भी निगम दल बनाकर करे। क्षेत्रीय सांसद ने बैठक में यह भी कहा है कि अमृत परियोजना के प्रथम चरण में पेयजल एवं सीवर के जो कार्य छूट गए हैं, उन्हें अमृत परियोजना के दूसरे फेज में शामिल किया जाए। दूसरे फेज की डीपीआर विशेषज्ञों के माध्यम से तैयार कराई जाए। डीपीआर तैयार कराते समय जनप्रतिनिधियों से भी सुझाव प्राप्त कर चर्चा करें और जो महत्वपूर्ण सुझाव हों उन्हें डीपीआर में शामिल किया जाए।


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