योगी की राह पर शिवराज, अब विरोध करने से पहले 100 बार सोचेंगे प्रदर्शनकारी !

सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचायातो आंदोलनकारियों से ही होगी नुकसान की वसूली…

योगी की राह पर शिवराज, अब विरोध करने से पहले सौ बार सोचेंगे प्रदर्शनकारी !

भोपाल। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार एक बार फिर से उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की राह पर चलती नजर आ रही है। बता दें कि राज्य सरकार 'लोक एवं निजी संपत्ति को नुकसान निवारक एवं नुकसानी की वसूली अधिनियम 2021' लाने जा रही है। प्रदर्शनकारी और आंदोलनकारी भी इस कानून के दायरे में आएंगे। इसका मतलब ये है कि अगर किसी विरोध प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया तो सरकार आंदोलनकारियों से ही नुकसान की वसूली करेगी। साथ ही नुकसान होने के हालात में प्रदर्शनकारियों को सजा भी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा में भी ऐसा कानून बन चुका है। 

बुधवार को वरिष्ठ सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी इस एक्ट के प्रारूप पर चर्चा करेगी। इस कमेटी से मंजूरी मिलने के बाद इस एक्ट को कैबिनेट और फिर विधानसभा में पेश किया जाएगा। जहां से मंजूरी मिलने के बाद गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ ही यह कानून बन जाएगा। एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अधिनियम के मुताबिक एक ट्रिब्यूनल का गठन किया जाएगा। जिसके अध्यक्ष रिटायर्ड जज होंगे। आईजी और सचिव  रैंक के अधिकारी इस ट्रिब्यूनल के सदस्य होंगे। नुकसान के आकलन के लिए जिला स्तर पर क्लेम कमिश्नर होगा, जिसकी जिम्मेदारी एडिशनल या डिप्टी कलेक्टर को सौंपी जाएगी। 

सरकारी संपत्ति के नुकसान की शिकायत प्रशासन के अधिकारी करेंगे और निजी संपत्ति के नुकसान की शिकायत संपत्ति के मालिक को करनी होगी। ट्रिब्यूनल के फैसले को सिर्फ हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी। प्रदर्शन और आंदोलन के दौरान संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के खिलाफ सबसे पहले कानून उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बनाया था। यूपी में यह कानून मार्च 2020 में बना था। एंटी सीएए को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद सरकार इस कानून को लेकर गंभीर हुई थी। इसके बाद इसी साल अप्रैल 2021 में हरियाणा में भी ऐसा ही कानून बनाया गया है। अब मध्य प्रदेश सरकार भी ये कानून लाने जा रही है। इससे पहले यूपी के लव जिहाद कानून की तर्ज पर भी शिवराज सरकार एक कानून बना चुकी है। 

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने अपने बयान में कहा है कि "मध्यप्रदेश में आंदोलन और प्रदर्शनकारियों से आम जनता को नुकसान ना हो, इसके लिए मध्यप्रदेश में एक बड़ा कानून बनाने की तैयारी की गई है। इसके लिए एक बड़ी प्रशासनिक टीम बनाई जाएगी। इसकी तैयारी लगभग पूर्ण कर ली गई है शीघ्र ही मध्यप्रदेश में यह कानून लागू होगा।" वहीं जब इस प्रस्तावित कानून के बारे में कांग्रेस से सवाल किया गया तो उन्होंने पार्टी प्रवक्ता रवि सक्सेना ने आरोप लगाया कि सरकार डरी हुई है और अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए इस तरह की नीति बनाती है. सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करने का अधिकार सभी को है.

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