Fort गुरुद्वारे से नगर कीर्तन अमृतसर के लिए रवाना

शहर भर में जगह-जगह हुआ स्वागत...

किला गुरुद्वारे से नगर कीर्तन अमृतसर के लिए रवाना

दाता बंदी छोड़ दिवस के 400 वे साल के उपलक्ष्य में नगर कीर्तन यात्रा बुधवार को किला गुरुद्वारे से अमृतसर के लिए रवाना हो गई। इससे पहले के विभिन्न हिस्सों से भी यह नगर कीर्तन यात्रा निकाली गई। जगह-जगह इस यात्रा का स्वागत किया गया। 3 नवंबर को नगर कीर्तन यात्रा अमृतसर अकाल तख्त साहिब पहुंचेगी, यहां पर दीपावली पर दीपोत्सव मनाया जाएगा। बुधवार की सुबह किला गुरुद्वारा से नगर कीर्तन यात्रा शुरू हुई। सबसे पहले यात्रा फूलबाग गुरुद्वारे पर पहुंची। यहां पर नगर कीर्तन यात्रा का स्वागत किया गया। 

नगर कीर्तन यात्रा में चार वाहनों की कतार के आगे बाइक पर सवार 52 युवक उन 52 राजाओं के रूप में चल रहे थे जिन्हें गुरु हरगोविंद साहिब ने आजाद कराया था। नगर कीर्तन यात्रा फूलबाग से नदीगेट, इंदरगंज, दाल बाजार से दौलतगंज, महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, फालका बाजार, शिंदे की छावनी से होता हुआ बहोड़ापुर, मोतीझील, पुरानी छावनी से हाेती हुई मुरैना के लिए रवाना हुई। दौलतगंज में हिंदू महासभा के कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। इसके अलावा फालका बाजार में मुस्लिम समाज के लोगों ने नाजिम खान के नेतृत्व में नगर कीर्तन यात्रा का स्वागत किया गया। 

लियर गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ के मीडिया प्रभारी बाबा देवेंद्र सिंह ने बताया कि मीरी पीरी के मालिक छठवें पातशाह गुरु हरगोविंद साहिब ग्वालियर के किले में जहांगीर द्वारा बंदी बनाए गए 52 हिंदू राजाओं को रिहा करवा कर एक महीने बाद दीपावली के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर साहिब पहुंचे थे। उसी याद को में बंदी छोड़ दिवस की 400 वर्ष के उपलक्ष्य में ग्वालियर से नगर कीर्तन सजाया जा रहा है जो 3 नवंबर की शाम को श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर पहुंचेगा। इस नगर कीर्तन के ग्वालियर से चलकर रास्ते में आगरा, फरीदाबाद, दिल्ली, करनाल,फतेहगढ़ साहिब,लुधियाना,और करतारपुर में पड़ाव होंगे।

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