लोहपीटा समुदाय के 28 परिवारों को मिला आवासीय पट्टा

28 परिवारों का अपने मकान का हुआ सपना साकार…

लोहपीटा समुदाय के 28 परिवारों को मिला आवासीय पट्टा

ग्वालियर। अब हमारे बच्चे भी झाँकेंगे खिड़की से और खेलेंगे छत पर । हमारा भी होगा अब स्थायी पता । जीवन भर सड़क किनारे बैलगाड़ियों में अपना जीवन यापन करने वाले लौहपीटा परिवारों को जब आवास के पट्टे उपलब्ध कराए तो परिवारजनों के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा हर व्यक्ति को आवास उपलब्ध कराने के संकल्प के परिपालन में ग्वालियर में 28 लौहपीटा परिवारों को आवासीय पट्टे प्रदान किए गए हैं। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने उन्हें आवास के पट्टे प्रदान किए। ग्वालियर के मनोरंजनालय, तानसेननगर की सड़क पर बैलगाड़ी में अपना जीवन यापन करने वाले परिवारों को आवासीय पट्टे उपलब्ध कराने की स्वीकृति शासन स्तर से प्राप्त हुई और उन्हें प्रशासन की ओर से आवास के पट्टे उपलब्ध कराए गए। 

ग्वालियर के ग्राम गोसपुरा और नारायण विहार के सड़क किनारे रह रहे 28 लोहपीटा परिवारों को विस्थापित किया गया था। यह परिवार मनोरंजनालय हजीरा की सड़क किनारे झुग्गी झोंपड़ी बनाकर रह रहे थे। आंधी-तूफान और बरसात के दौरान इन परिवारों को अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा था। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की पहल पर शासन द्वारा इन्हें आवासीय पट्टे देने की स्वीकृति मिली और सभी 28 परिवारों को आवास के पट्टे वितरित किए गए। जिन 28 परिवारों को आवास के पट्टे उपलब्ध कराए गए हैं वे अपने पट्टे की भूमि पर आवास बनाकर खुशी-खुशी अपना जीवन यापन कर सकेंगे। 

जिन परिवारों को आवासीय पट्टे दिए गए हैं उनमें मुखिया पूरन पुत्र रामसिंह, रूपसिंह पुत्र लालसिंह, शंकर पुत्र गिरवर, भईयनलाल पुत्र कल्लूलाल, शांतिबाई पत्नी भारत सिंह, कमल सिंह पुत्र वीरू आदिवासी, जमनाबाई पत्नी रमेश, जीतू पुत्र लालसिंह, भावना पत्नी कल्लू, ममताबाई पत्नी सोहनलाल, कान्ति पत्नि रामचरण, रूप पत्नि हेमू, मेमा पत्नी सोबरन, दीवानसिंह पुत्र कालीचरण, लाखन सिंह पुत्र गिरवर, कमला पत्नी चंगल, सोना पत्नी इंदल, गुड्डीबाई पत्नी पोली, अजय पुत्र किशन, धन्ना पुत्र गोपाल, कल्ला पुत्र रतिराम, अजय पुत्र फूलसिंह, सूरज पुत्र किशन, नारायणी पत्नी लाखन, कमला पत्नी किशन, रनिया पत्नी मैघालाल, रेशमबाई पत्नी लालसिंह एवं पप्पू पुत्र रतीराम शामिल हैं।

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