प्रभु तक पहुंचाने का रास्ता गुरू दिखाता हैः शेजवलकर

सात सौ शिक्षक शिक्षिकाओं का हुआ सम्मान…

प्रभु तक पहुंचाने का रास्ता गुरू दिखाता हैः शेजवलकर

ग्वालियर। प्रभु तक पहुंचाने का रास्ता गुरू दिखाता है। गुरू एक शिक्षित संस्था है, जो बच्चों को देश का भविष्य का निर्माता बनाता है। गुरू को अन्दर की आत्मा से बनाना होता है, यही गुरू पूजन का मूल मंत्र है। यह उद्गार ग्वालियर के सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने मुख्य अतिथि की आसंदी से चेम्बर आॅफ काॅमर्स के राजामाता विजयराजे सिंधिया सभागार में जन उत्थान न्यास द्वारा आयोजित शिक्षक-शिक्षिका सम्मान समारोह में व्यक्त किये। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये मंहत दंदरौआ धाम रामदास महाराज ने सभी को आर्शीवाद दिया। विशिष्ट अतिथि के रूप में संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा राजीव उपाध्याय जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी एवं निगम के नेता प्रतिपक्ष कृष्णराव दीक्षित मौजूद रहे।  सम्मान समारोह में अतिथियों द्वारा कार्यक्रम के प्रारम्भ में सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष पूजन कर द्वीप प्रज्वतिलत किया। स्वागत भाषण देते हुये न्यास के अध्यक्ष एवं विधायक डाॅ.सतीश सिकरवार ने कहा कि गुरू समाज का पथ प्रदर्शक एवं देश का भविष्य निर्माता होता है। 

अपने छात्रों को पढ़ाई कराने के साथ-साथ उन्हें संस्कारित बनाते है। हर वर्ष की भांति शिक्षकों का सम्मान कर गौरान्वित महसूस कर रहे है। शिक्षक ही समाज में बेहतर वातावरण बनाने में बदलाव लाते है। मैं सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के चरणों में वन्दन करते हुये उनका अभिनन्दन करता हॅू। शिक्षकों के सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुये कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि गुरू-शिष्य परम्परा का निर्वाह करना जीवन में महत्वपूर्ण होता है। श्री शेजवलकर ने गुरू द्रोणाचार्य और शिष्य की कहानी को विस्तार से बताते हुये कहा कि शिष्य वही है जो गुरू का ह्दय की भावना से सम्मान करता हो। शिक्षा का स्वरूप समय समय पर बदलता रहा है। सामने आई है, भविष्य में इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलेंगे। उन्होंने कहा कि गुरू का कर्तव्य है कि अच्छे समाज का निर्माण करने के लिये अपने शिष्यों को अच्छा छात्र बनाने के साथ-साथ अच्छा इंसान भी बनाएं। 

उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश में समाज में शिक्षकों का सम्मान करना आज की आवश्यकता है। इसलिये जरूरी है कि शिक्षक संकल्पित होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे। मैं आज आप सभी शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं का सम्मान होने पर बधाई और शुभ कामनाएं देता हॅू़ और अपेखा करता हॅू कि जन उत्थान न्यास इसी तरह सामाजिक क्षेत्र में सकारात्मक दृष्टि के साथ कार्य करता रहेगा। इस मौके पर दंदरौआ धाम के महंत रामदास जी महाराज ने आर्शीवाद देते हुए सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की ओर जन उत्थान न्यास के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सतीश इसी तरह जनसेवा में लगे रहो, हनुमान जी महाराज का आर्शीवाद तुम पर सदैव बना रहेगा। संभागीय संयुक्त संचालक स्कूल शिक्षा राजीव उपाध्श्याय ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश को आजादी मिलने के बाद लगा कि देश को शिक्षा की आवश्यकता है और इस दिशा में प्रभावी कदम उठाए गए, जिसका नतीजा यह है कि शिक्षा का स्तर आज दिनोदिन उपर बढ़ता जा रहा है। 

हालांकि आज शिक्षकों की अनेक समस्याएं है फिर भी वह अपने दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी से कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हमारे शिक्षकों ने आॅन लाइन पढ़ाई कराई। उन्होंने न्यास के द्वारा सम्मानित शिक्षकों को बधई दी और न्यास के इस कार्य की सराहना की।  इस मौके पर जिला शिक्षा अधिकारी विकास जोशी ने भी विचार रखे और सम्मानित शिक्षक-शिक्षिकाओं को बधई दी तथा न्यास के द्वारा किए जाने वाले सम्मान की सराहना की। कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति चिन्ह न्यास के अध्यक्ष एवं विधायक डाॅ. सतीश सिकरवार ने प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन महेन्द्र शुक्ला एवं न्यास के सचिव चन्द्रप्रकाश गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। अतिथियों का स्वागत प्रारम्भ में न्यास के उपाध्यक्ष अवधेश कौरव, कोषाध्यक्ष अवध सिंह धाकरे एवं प्रचार सचिव सुरेश प्रजापति ने किया।

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