विधानसभा में बोलने का समय नहीं दिये जाने पर आक्रोशित विधायक ने अपने कपड़े फाड़े !

लगाए ये गंभीर आरोप...

विधानसभा में कांग्रेस विधायक ने फाड़े अपने कपड़े

भोपाल। चार दिवसीय मानसून सत्र जब डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया तो कांग्रेस विधायक बाबू जांडेल का गुस्सा फट पड़ा। गुस्से में विधायक ने किसी और के नहीं बल्कि अपने ही कपड़े फाड़ कर फेंक दिए। विधायक के कपड़े फाड़ने से विधानसभा में हड़कंप मच गया। बाबू जांडेल श्योपुर से विधायक हैं। दरअसल लगातार हुई बारिश और बाढ़ ने एमपी में जमकर तबाही मचाई। बाढ़ का पानी उतर तो गया लेकिन तबाही के निशान और दर्द लोगों की आंखों में छोड़ गया। बाढ़ से लोगों के घर जमींदोज हो गए, कईयों ने अपनों को खो दिया, हजारों मवेशियों की मौत हो गई, किसानों की फसल चौपट हो गई। शासन प्रशासन के दावों के बीच लोग अब भी मदद की आस लगाए बैठे हुए हैं। बाढ़ से हुई तबाही और पीड़ित लोगों की मदद को लेकर विधायक सदन में चर्चा करना चाहते थे। तबाही का मंजर अपनी आंखों से देखने के बाद जब उस पर सदन में कोई चर्चा नहीं हो पाई तो विधायक फट पड़े।

 उन्होंने अपने ही कपड़े फाड़ कर फेंक दिए। जंडेल ने कहा कि बाढ़ से श्योपुर क्षेत्र में बड़ा नुकसान हुआ है। विधायक ने कहा- मेरे क्षेत्र के लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है। मैं कपड़े कैसे पहन सकता हूं? यह कहते हुए उन्होंने उन्होंने विधानसभा परिसर में मीडिया के सामने बाढ़ पीडि़तों का दर्द बयां करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लियाl विधायक ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ हवाई दौरे किए। राहत के नाम पर बाढ़ पीड़ितों को शासन से कोई मदद नहीं मिली है। विधायक बाबू जांडेल ने कहा कि हजारों लोग बेघर हो गए, हजारों की संख्या में मवेशी मर गए। लोगों ने घरों पर चढ़कर जान बचाई। मैंने लोगों का दाह संस्कार किया। बाढ़ के मुद्दे पर सदन मे 5 मिनट के लिए चर्चा चाहता था। लेकिन सरकार 5 मिनट भी इस मुद्दे पर चर्चा नहीं की। सरकार बड़ी बड़ी घोषणा कर रही है बाढ़ प्रभावितों के लिए। जमीन पर कोई राहत नहीं पहुंच रहा है। 

श्योपुर में बाढ़ आपदान ने नहीं बल्कि स्थानीय प्रशासन ने बर्बाद किया है। श्योपुर में सबसे ज्यादा बाढ़ ने तबाही मचाई है। विधायक जंडेल के आरोपों पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता सत्ता जाने के बाद से ही बौखलाए हुए हैं। वे तड़प रहे हैं, जनता को भ्रमित करने के लिए नौटंकी करने लगे हैं। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार हुआ होगा कि जब कोई विधानसभा का माननीय सदस्य ऐसा अर्धनग्न हुआ। उन्होंने कहा कि वह विधायक द्वारा कपड़े फाड़ने के मामले की शिकायत करेंगे। विधानसभा का 4 दिवसीय मानसून सत्र का आगाज़ 9 अगस्त को हुआ। 

सदन की कार्यवाही शुरु होते ही विश्व आदिवासी दिवस पर छुट्टी नहीं देने के मसले पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। सदन के दूसरे दिन यानी कि आज पहले महंगाई पर विपक्ष ने हंगामा किया। हंगामे की वजह से अध्यक्ष ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया। कार्यवाही शुरु होते ही काली एप्रेन पहनकर पहुंचे कांग्रेसी विधायकों ने ओबीसी आरक्षण के मामले में जमकर नारेबाजी और हंगामा किया। विपक्षी हंगामे के बीच सरकार ने कई विधेयकों को पेश किया और बगैर चर्चा उन्हें पारित कर दिया। हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया। इस तरह 4 दिन का मानसून सत्र महज डेढ़ दिन में ही समाप्त हो गया।

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