सामाजिक समरसता के प्रतीक हैं गोगादेव जी : डॉ. पचौरी

गोगा नवमी के उपलक्ष्य में संघ कार्यालय में हुआ छड़ी निशान पूजन…

सामाजिक समरसता के प्रतीक हैं गोगादेव जी : डॉ. पचौरी

ग्वालियर। गोगा नवमी के उपलक्ष्य में शुक्रवार को नई सड़क स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यालय राष्ट्रोत्थान न्यास भवन में छड़ी (गोगा ध्वज) निशान पूजन का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर, मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. उमाशंकर पचौरी, विभाग संघचालक विजय गुप्ता एवं विभिन्न समाज के प्रमुखों ने छड़ी पूजन किया। साथ ही गोगादेव की छड़ी लेकर चलने वाले भक्तों को सम्मानित किया। मुख्य वक्ता डॉ. पचौरी ने गोगा नवमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गोगादेव जी किसी एक समाज न होकर संपूर्ण हिंदू समाज के लोकदेवता के रूप में पूजे जाते हैं। उन्होंने कहा कि रतनसिंह का जन्म गोगादेव के साथ हुआ और उन्होंने वीरता का परिचय दिया।

भज्जू कोतवार, नरसिंह पांडे, बाला भांजे, लीला थोड़े का जन्म भी इसी युग में हुआ। इन पांचों योद्धाओं ने हिंदू समाज की रक्षा के लिए सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। आज जब हिंदू समाज पर चारों तरफ से किसी न किसी रूप में हमला हो रहा है तो ऐसे में गोगादेव जैसे युगपुरुषों की जरूरत पड़ रही है। हिंदू समाज को तोडऩे की जो साजिश रची जा रही है उससे सावधान रहने की जरूरत है। आज जिस छड़ी का यहां पर पूजन हो रहा है वह वह राष्ट्र के स्वाभिमान की छड़ी है। अपने आपको बलिदान करने की छड़ी है। कार्यक्रम का संचालन एवं कार्यक्रम की भूमिका वरिष्ठ स्तम्भकार डॉ. रामकिशोर उपाध्याय ने रखी। इस दौरान अचलेश्वन न्यास के अध्यक्ष हरिदास अग्रवाल, अशोक सिंह बघेल, पप्पू बड़ोरी, महेश उमरैया आदि उपस्थित रहे।

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