बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे के दूसरे दौर में मैंने सिंधु नदी का रौद्र रूप देखा : CM शिवराज

बचाव कार्य में लगी हैं 75 विशेष टीमें और 5 हेलीकॉप्टर…

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे के दूसरे दौर में मैंने सिंधु नदी का रौद्र रूप देखा : CM शिवराज

ग्वालियर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से शिवपुरी, श्योपुर, दतिया, ग्वालियर, गुना, भिंड और मुरैना जिलों के कुल 1225 ग्राम प्रभावित हैं। अब तक श्योपुर जिले के 32 गाँवों से 1500 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इसी प्रकार शिवपुरी के 90 गाँवों से 2000 और दतिया, ग्वालियर, मुरैना, भिंड के 240 गाँवों से एसडीईआरएफ, एनडीईआरएफ, आर्मी तथा बीएसएफ ने मिलकर लगभग 5,950 लोगों को सुरक्षित निकालने में सफलता प्राप्त की है। अभी तक की जानकारी के अनुसार 1950 लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं। खराब मौसम के कारण कल एयर फोर्स के हेलीकॉप्टर को बचाव कार्य में कठिनाई आ रही थी। 

आज फिर हेलीकॉप्टरों ने बचाव कार्य शुरू किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान स्मार्ट पार्क में मीडिया के प्रतिनिधियों से प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में जारी अति वृष्टि और बाढ़ की स्थिति के संबंध में बातचीत कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शिवपुरी और श्योपुर में कल तक ही लगभग 800 मिली मीटर बारिश हो चुकी है। यह अप्रत्याशित स्थिति है। श्योपुर जिले में संचार व्यवस्था पूरी तरह से ठप्प हो चुकी है। दूर संचार मंत्रालय से बात कर व्यवस्थाएँ पुन: स्थापित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। गुना-शिवपुरी के बीच रेल सेवा बंद है। अधोसंरचना को बहुत नुकसान पहुँचा है, पर राहत की बात यह है कि बचाव कार्य निरंतर जारी है। प्रभावितों की जिन्दगी बचाने में हमें सफलता मिली है। 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि एनडीईआरएफ की 3 टीमें पहले से बचाव कार्य में लगी थीं, दो टीमें और आ रही हैं। आर्मी के चार कॉलम और एसडीईआरएफ की 70 से अधिक टीमें जिला प्रशासन के साथ बचाव कार्य में लगी हुई हैं। अब तक एयरफोर्स के चार हेलीकॉप्टर ग्वालियर में और एक शिवपुरी में बचाव कार्य में लगा हुआ है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि अब वर्षा कम होने से पार्वती नदी का जल स्तर कम होना आरंभ हुआ है। ग्वालियर में 46 गाँव प्रभावित हैं, 17 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं और तीन हजार लोगों को राहत शिविरों में रखा गया है। दतिया में सेना पहुँच गई है। 

जिले के 36 गाँव प्रभावित हैं, 18 रेस्क्यू स्थल बनाए गए हैं, लगभग 1100 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। यहाँ मंदिर में फंसे पुजारी को मोटर वोट भेज कर बचा लिया गया है। सभी मुख्य मार्ग बंद हैं। एनएच-3 भी सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है। रतनगढ़ का पुल क्षतिग्रस्त हुआ है। शिवपुरी में 22 गाँव प्रभावित हुए हैं। बचाव कार्य जारी है, 801 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। श्योपुर में ज्वालापुर, खेरावत, मेवाड़ा और जाटखेड़ा गाँव पूरी तरह से पानी से घिरे हुए थे। यहाँ जल स्तर घट रहा है। सेना गाँवों तक पहुँचने की कोशिश कर रही है। पानी अधिक होने और पुलों के क्षतिग्रस्त होने के कारण सेना को रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ना पड़ रहा है। लेकिन लोग सुरक्षित हैं। जल स्तर घट रहा है। जीवन को खतरा नहीं है।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के दौरे के दूसरे दौर में सिंधु नदी का रौद्र रूप मैंने देखा। चारों तरफ जल सैलाब अभी भी है और पानी का बहाव इतना तेज है कि हमारे राष्ट्रीय राजमार्ग का ग्वालियर- झांसी के बीज का ब्रिज अभी बंद है। दोनों तरफ वाहनों की कतार लगी हुई है जल्द ही उसकी मरम्मत करेंगे। लांग ब्रिज, रतनगढ़ वाली माता का ब्रिज,संतुआ ब्रिज जबड़ा के पास का ब्रिज, पानी का बहाव इतना जबरदस्त है कि उस में बह गए हैं।  कई गांव में अभी पानी है और लोग किनारे पर जहां प्रशासन ने व्यवस्था की है वहां लोगों को रखा गया है। राहत की बात यह है कि प्रशासन की सक्रियता के कारण, हमारी आर्मी के सहयोग के कारण, बीएसएफ, आर्मी, एयर फोर्स एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासन के परिश्रम के कारण जाने नहीं गईं।  लोगों को रेस्क्यू करके निकाल लिया गया है। लेकिन पानी अभी भी काफी है, वर्षा की संभावना है इसलिए सावधान रहने की जरूरत है।  मैंने प्रशासन को निर्देश दिए हैं, हर आवश्यक व्यवस्था आवास की, भोजन की, पानी की, दवाई की, युद्ध स्तर पर करें।  और अभी भी सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि पानी अभी काफी है और यदि गिरा तो दिक्कत आ सकती हैं। इसलिए लोगों को सावधानी रखनी होगी। अभी चंबल नदी रौद्र रूप धारण कर रही है,मैं भिंड और मुरैना दोनों जिलों के संपर्क में हूँ। आज शाम हो गई जा नहीं सका लेकिन कलेक्टर, एसपी जिला प्रशासन, सारी व्यवस्था कर रहे हैं। आर्मी को भी हमने वहां कॉल कर दिया है एनडीआरएफ की टीमें भी पहुंचा रहे हैं,एसडीआरएफ भी जा रही है,प्रशासन पूरी तरह से लगा है। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है, नीचे स्थान पर हैं उनको निकाला जा रहा है। किनारे खाली कराए जा रहे हैं ताकि हम जनता की जिंदगी बचा सकें। और राहत की बात यह है कि लोगों को सुरक्षित निकालने में हम सफल हुए - शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन

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