मच्छर जनित diseases से बचने के लिये मच्छरों को न पनपने दें : श्री सिंह

दिन के समय काटता है डेंगू व चिकनगुनिया का मच्छर...

मच्छर जनित बीमारियों से बचने मच्छरों को न पनपने दें : श्री सिंह 

ग्वालियर। डेंगू एवं चिकनगुनिया फैलाने वाले एडीज मच्छर साफ पानी में पनपते हैं। दिन के समय इन मच्छरों के काटने से डेंगू और चिकुनगुनिया फैलता है। इसलिये अपने घर में और आस-पास साफ-सफाई रखें। साथ ही पानी जमा न होने दें। कूलर एवं पानी की टंकियों को सप्ताह में एक बार खाली कर अच्छी तरह सुखाना चाहिए। साथ ही इसके बाद पानी की टंकी का ढक्कन बंद कर उसे उपयोग में लें। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने मच्छर जनित बीमारियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सभी विभागों के अधिकारियों को इसमें सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आम जनता से भी अपील की है कि डेंगू, चिकनगुनिया व मलेरिया से बचने के लिये अपने आस-पास पानी जमा न होने दें। साथ ही कूलर व टंकियों को नियमित रूप से साफ करते रहें। सफेद धारियों वाले एडीज मच्छर के काटने से डेंगू फैलता है। यह मच्छर सामान्यत: घरों व उसके आस-पास जमा साफ पानी में प्रजनन करता है। 

साफ पानी में अंडे देने के बाद सात दिवस के भीतर अंडों से लार्वा व प्यूपा बनकर एडीज मच्छर में तब्दील हो जाता है। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिये गमलों के नीचे रखे बर्तनों के पानी को निरंतर सुखाते रहें। पुराने टायरों व बर्तनों इत्यादि में पानी जमा न होने दें। घर के दरवाजों व खिड़कियों पर मच्छर जाली लगवाना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें। मच्छरों से बचाव के लिये क्रीम, स्प्रे या अगरबत्ती का उपयोग भी किया जा सकता है। इन सावधानियों व उपायों के साथ-साथ समय पर जाँच उपचार एवं सावधानियाँ बरतने से डेंगू, चिकुनगुनिया एवं मलेरिया से बचा जा सकता है। मच्छरों को पनपने से रोकने के लिये जमा पानी में मिट्टी का तेल या जला हुआ तेल डाला जा सकता है। साथ ही मच्छरों को भगाने के लिये नीम की पत्ती का धुँआ भी कारगर उपाय है। 

डेंगू के लक्षण व जाँच डेंगू होने पर दो दिन से एक हफ्ते तक तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, आंखों के आस-पास दर्द व शरीर पर लाल चकत्ते इत्यादि डेंगू के लक्षण हैं। गंभीर अवस्था में मसूड़ों, नाक व पेट-आंत से खून बहने लगता है। एक से पाँच दिन तक बुखार आने पर एन.एस-1 एलायजा एवं पाँच दिन से अधिक बुखार आने पर मेक-एलायजा (आईजीएम) किट से जांच की जाती है। जिला चिकित्सालय मुरार एवं जयारोग्य अस्पताल में नि:शुल्क जांच की सुविधा उपलब्ध है। 

डेंगू का उपचार जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. मनोज पाटीदार ने बताया कि सामान्य लक्षण होने पर मरीज को केवल पैरासीटामोल गोली का सेवन करना चाहिए। डेंगू के लक्षण होने पर सेलिसिलेट, एस्प्रिन अथवा अन्य दर्द निवारक गोलियों का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए। डीहाइड्रेशन से बचने के लिये पर्याप्त मात्रा में पर्याप्त पानी, फलों का जूस, चावल का पानी, शिंकजी व ओआरएस घोल अत्यंत लाभदायक रहता है। डेंगू मरीज में गंभीर अवस्था अकसर तीसरे दिन आती है। अचानक खून का रिसाव होने लगता है। पेशाब कम होती है और ऑक्सीजन की कमी से मरीज के होंठ नीले होने लगते हैं। हिमेटोक्रीट 20 प्रतिशत या अधिक बढ़ जाता है और प्लेटलेट्स 50 हजार क्यूबिक मि.मी. या इससे कम हो रही हों तो यह गंभीर अवस्था मानी जाती है। गंभीर लक्षण दिखाई देने पर तत्काल अस्पताल में भर्ती होना चाहिए। 

चिकनगुनिया के लक्षण तेज बुखार, सिर दर्द, जोड़ों में असामान्य दर्द और लाल चकत्ते चिकनगुनिया के प्रमुख लक्षण हैं। डेंगू व चिकनगुनिया के इस प्रकार के लक्षण पाए जाने पर शासकीय चिकित्सालयों में पहुँचकर अपना इलाज कराएँ। अस्पतालों में खून की नि:शुल्क जाँच की जाती है। साथ ही दवायें भी नि:शुल्क उपलब्ध रहती हैं। डेंगू रेपिड कार्ड की एलायजा आधारित जाँच की प्रमाणिकता संदेहास्पद रहती है। इसलिये ग्वालियर जिले में जिला चिकित्सालय एवं जीआरएमसी के माइक्रो बायोलॉजी विभाग की एलायजा जाँचें प्रमाणिक मानी जाती हैं।

मलेरिया के लक्षणसर्दी व कपकपी के साथ बुखार व पसीना, उल्टियाँ होना, तिल्ली में सूजन व सिरदर्द होना, बुखार उतरने के बाद थकावट महसूस होना और खून की कमी होना । किसी भी तरह का बुखार मलेरिया हो सकता है। इसलिये बुखार आने पर तुरंत खून की जांच कराना चाहिए। चिकित्सकों की सलाह से दवा की पूरी खुराक लें और दूध के साथ मलेरिया की दवायें लेना बेहतर रहता है।

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