130वीं अंबेडकर जयंती पर…

शहरवासियों ने के बाबासाहेब आंबेडकर को किये श्रद्धा सुमन अर्पित


भीमराव रामजी अंबेडकर उर्फ ​​बीआर अंबेडकर को भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार के रूप में जाना जाता है, लेकिन वह इससे बहुत अधिक थे। उन्होंने देश की समृद्ध परंपराओं, विभिन्न विश्वासों से देश को आजादी दिलाने की लड़ाई लड़ी। हर साल 14 अप्रैल को मनाई जाने वाली अंबेडकर जयंती, बाबा साहेब और उनके आदर्शों को समर्पित एक दिन है। भीम जयंती के रूप में भी जाना जाता है, इस दिन को भारत में समानता दिवस के रूप में मनाया जाता है।

इस खान दिन पर आइए भीमराव अंबेडकर की बातों से रूबरू होते हैं - 
  • 1. ''मंदिर जाने वाले लोगों की लंबी कतारें, जिस दिन पुस्तकालय की ओर बढ़ेगी, उस दिन मेरे इस देश को महाशक्ति बनने से कोई रोक नही सकता है।''

  • 2. ''सफलता कभी भी पक्की नही होती है, और असफलता भी कभी अंतिम नही होती है, इसलिए अपनी कोशिश को तब तक जारी रखो, तब तक आपकी जीत इतिहास ना बन जाए।''

  • 3. ''अगर मुझे किसी समुदाय की प्रगति मापनी हो तो, उस समुदाय की महिलाओं ने क्या प्रगति हासिल की है, में उससे मापता हूं।''

  • 4. ''अगर मरने के बाद भी जीना चाहते हो, तो एक काम जरूर करना, पढ़ने लायक कुछ लिख जाना, या लिखने लायक कुछ कर जाना।''

  • 5. ''जो इंसान अपनी मौत को हमेशा याद रखता है, वही इंसान हमेशा अच्छे कार्य करने में लगा रहता है।''

  • 6. ''देश का राष्ट्रपति एक दलित हो सकता है, लेकिन एक मंदिर का पुजारी नही हो सकता है, राष्ट्रपति बनना संविधान की देन है, और पुजारी न बनना धर्म की देन है।''

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